खबरिस्तान नेटवर्क: बॉलीवुड स्टार अभिषेक बच्चन की फिल्म ‘दसवीं को देख कर जेल के कैदियों ने अपनी जिंदगी को बदल डाला है। बता दें कि अभिषेक की फिल्म का आगरा जेल के कैदियों पर इतना ज्यादा असर हुआ कि बोर्ड की परीक्षा में कोई फर्स्ट डिवीज़न पास हुआ तो कोई सेकंड डिवीज़न लेकर ख़ुशी मना रहा है।
अभिषेक को हो रहा खुद पर गर्व महसूस
बता दें कि अभिषेक बच्चन ने फिल्म में एक राजनेता की भूमिका निभाई, जिसने 1940 के दशक में 10वीं की परीक्षा पास की। अब फिल्म से जुड़ी ऐसी खबर सामने आई है, जिसे सुनकर अभिषेक को खुद पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है। यूपी बोर्ड के रिजल्ट आने के बाद से हाल ही में यह बात सामने आई है कि आगरा सेंट्रल जेल के कई कैदी, जहां इस फिल्म को दिखाया गया था, ने फिल्म से प्रेरित होकर 10वीं और 12वीं की परीक्षा में अच्छे अंकों से पास हुए हैं। बता दें इनमे 9 ने 10वीं कक्षा की परीक्षा और 3 ने 12वीं की परीक्षा पास की है।
3 कैदियों की आई फर्स्ट डिविजन, 6 की रही सेकंड
परीक्षा पास करने वाले 9 कैदियों में से 3 को प्रथम श्रेणी, जबकि 6 को द्वितीय श्रेणी मिली। ये खबर जैसे ही अभिषेक बच्चन तक पहुंची, एक्टर गदगद हो गए।
एक्टर और डायरेक्टर दोनों को फीलिंग प्राउड
अभिषेक बच्चन ने फिल्म के जबरदस्त प्रभाव को ‘किसी भी पुरस्कार से बेहतर’ माना है। उन्होंने इस तरह की उपलब्धि का क्रेडिट ‘दसवीं’ फिल्म के डायरेक्टर तुषार जलोटा और छात्रों को दिया है। अभिषेक बच्चन के अलावा दसवीं में यामी गौतम और निमरत कौर ने भी लीड रोल निभाया है। वहीं, इस खबर पर अपनी खुशी शेयर करते हुए निर्देशक तुषार जलोटा ने कहा, “मैं इस तरह की दिल दहला देने वाली खबर सुनकर वाकई खुश हूं।”
7 अप्रैल को नेटफ्लिक्स और जियोसिनेमा पर रिलीज हुई थी
फिल्म ने राजनेता गंगा राम चौधरी के जीवन और कक्षा 10 की परीक्षा पास करने की उनकी महत्त्वाकांक्षा को फॉलो किया है। यह फिल्म 7 अप्रैल को नेटफ्लिक्स और जियोसिनेमा पर रिलीज की गई थी।
92 परसेंट कैदियों ने किया नाम रोशन
पूरे राज्य में जेल में बंद 92.23 प्रतिशत कैदियों को बोर्ड परीक्षा पास करने में सफलता मिली है। उत्तर प्रदेश की 12 जेलों में बंद 116 बंदियों ने 10वीं की परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन किया था। इनमें से 103 बंदी परीक्षा में बैठे थे जिनमें से 95 को सफलता प्राप्त हुई है। बता दें इनमें से तीन महिला बंदी ने भी 10वीं की परीक्षा पास कर ली है। परीक्षा में सम्मिलित फिरोजाबाद जेल के सभी 28, सहारनपुर के 4, रामपुर के एक, बरेली के 10 और लखनऊ जेल के सभी 8 बंदियों को सफलता मिली है।