खबरिस्तान नेटवर्क: अमेरिका में दोबारा चुने गए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अब तक ऐसे कई फैसले सामने आए हैं जिनसे संकेत मिलता है कि सरकारी नीतियां उन लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए बदली जा रही हैं जो या तो ट्रंप के बिजनेस से जुड़े हैं या फिर उन्हें वित्तीय तौर पर सहयोग करते हैं। ट्रंप के खिलाफ सीधी रिश्वत लेने के सबूत नहीं है लेकिन उनके द्वारा लिया गया हर बड़ा फैसला यह दर्शाता है कि सत्ता में रहने के बाद भी वह अपने करीबी सहयोगियों के आर्थिक हितों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
क्रिप्टो धोखाधड़ी का मामला हुआ बंद
हाल ही में ट्रंप ने एक भव्य डिनर का आयोजन किया जिसमें उन्हीं लोगों को बुलाया गया जिन्होंने सबसे ज्यादा मात्रा में ट्रंप कॉइन नाम की क्रिप्टोकरंसी खरीदी थी। इसमें सबसे बड़ा नाम जस्टिन सन का है जिन्होंने पहले ही ट्रंप की एक और क्रिप्टो फर्म में 640 रुपये करोड़ लगाए थे और अब 340 करोड़ के ट्रंप कॉइन खरीदकर डिनर में पहुंचे हैं। ट्रंप की इस नीति का नतीजा यह हुआ कि SEC (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन) ने जस्टिन सन के खिलाफ चल रहे क्रिप्टो धोखाधड़ी के मामले को बंद कर दिया।
ट्रंप के शपथ समारोह में लगे 2000 करोड़ रुपये
अमेज़न ने ट्रम्प की पत्नी मेलानिया ट्रम्प पर बनने वाली एक डॉक्यूमेंट्री के लिए ₹340 करोड़ की डील की है। इससे यह साफ है कि कैसे ट्रम्प परिवार राष्ट्रपति की कुर्सी का व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहा है। कतर, सऊदी अरब, ओमान और यूएई में ट्रम्प ऑर्गेनाइजेशन रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स शुरू करने वाला है। वियतनाम सरकार ने हनोई के पास ₹12,847 करोड़ के गोल्फ कॉम्प्लेक्स और हो ची मिन्ह सिटी में ट्रम्प की गगनचुंबी इमारत की अनुमति दे दी है। ट्रम्प के शपथ समारोह में ही करीब ₹2,000 करोड़ जुटाए गए थे।
वैश्विक प्रतिष्ठा पर आ रही गहरी आंच
न्यूयॉर्क टाइम्स और फोर्ब्स के अनुमान के अनुसार ट्रंप ने पिछले 9 महीनों में क्रिप्टोकरंसी के जरिए 8,569 करोड़ की कमाई की है। इस दौरान सरकार ने कई क्रिप्टो फ्रॉड मामलों में माफियां दी, कई जांच भी बंद की गई , वो भी तब जब कंपनियों ने अपने गुनाह स्वीकार कर लिए थे। इतिहासकार मैथ्यू डैलेक कहते हैं “डोनाल्ड ट्रंप आधुनिक युग के सबसे भ्रष्ट राष्ट्रपति हैं। वे अपने लालच को सफलता का प्रतीक मानते हैं और इस पर गर्व करते हैं।” ट्रंप के कार्यकाल में एक ऐसी संस्कृति पनप रही है जिसमें राजनीति और निजी कारोबार को घोल दिया गया है। वह सत्ता का उपयोग व्यक्तिगत लाभ और सहयोगियों की रक्षा के लिए कर रहे हैं, इससे अमेरिका की लोकतांत्रिक संस्थाओं और वैश्विक प्रतिष्ठा पर गहरा आंच आ रही है।