सौरभ कुमार, ख़बरिस्तान नेटवर्क, धर्मशाला
हिमाचल में बहुचर्चित पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में हिमाचल पुलिस के एक टॉप अफसर की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ गई है। उसके करीबी रिश्तेदार का नाम इस केस में सामने आने की आशंका है। सरकार ने इस मामले में भर्ती कमेटी को हैड कर रहे आर्म्ड पुलिस एंड ट्रेनिंग के आईजी जेपी सिंह को ट्रांसफर तो कर दिया है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस मामले को शुरुआत में दबाने का कथित प्रयास करने वाले टॉप पुलिस अफसर पर क्या सरकार कार्रवाई करेगी। ख़बरिस्तान की इन्वेस्टीगेशन में यह पता लगा है कि बीते 5 अप्रैल को परीक्षा का परिणाम निकलने के बाद कांगड़ा जिले के उम्मीदवारों के डॉक्युमेंट्स की स्क्रीनिंग में लगाये एक सीनियर आईपीएस अफसर ने लिखित परीक्षा में अधिक अंक पाने वाले कुछ उम्मीदवारों से सवाल जवाब के दौरान जब गोलमाल पकड़ा व 3 मई को ईमानदार अधिकारी ने उक्त उच्च अधिकारी को यह जानकारी दी। टॉप अधिकारी ने पहले तो 2 दिन तक मामला दबाने का प्रयास किया व गोलमाल पकड़ने वाले अफसर को ही हड़काना शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री जयराम तक को अंधेरे में रखा। फिर मामला स्टेट सीआईडी को देने को कहा। इस पर पेपर लीक का खुलासा करने वाले ईमानदार अधिकारी ने फ़ाइल पर नोटिंग देकर इस पूरी प्रक्रिया से अलग होने की बात कह डाली। इस ईमानदार अधिकारी की नोटिंग के बाद महकमे में ऊपर तक हड़कम्प मच गया। एसपी कांगड़ा ने भी टॉप अफसर के कथित दवाब में आने से इनकार करते हुए 5 मई की रात को गगल पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करके 2 आरोपियों को हिरासत में ले लिया। मुख्यमंत्री को भी मामले से अवगत कराया।मुख्य सचिव तक बात पहुंची। जानकारी के बाद गुस्साए मुख्यमंत्री ने उक्त टॉप अफसर की खूब खिंचाई की। इसके बाद पुलिस मुख्यालय से पूरे मामले की जांच के आदेश हुए व एसआईटी गठित की गई। मामले की जांच अब कई राज्यों तक फैल गई है व इसमें प्रदेश पुलिस के कुछ आला अधिकारी शक के घेरे में हैं। इस बीच प्रदेश पुलिस प्रमुख भी छुट्टी पर हैं। पूरे मामले में पुलिस के साथ सरकार की साख दांव पर है।
पोलिटिकल नहीं, अफसरों का कनेक्शन सामने आ रहा
सूत्र इस मामले में कुछ रसूखदार अफसरों की मिलीभगत की आशंका जता रहे हैं। इस मामले में हैरानीजनक पहलू यह है कि कोई पोलिटिकल कनेक्शन न होकर कुछ अफसरों का ही कनेक्शन सामने आ रहा है। मामले में अपनी फजीहत होती देख पुलिस के टॉप अफसर खुद को बचाने में लगे हैं। सूत्र बताते है कि इस मामले का पर्दाफाश करने वाले 2 अधिकारियों को एसआईटी में लिया तो गया है लेकिन उन्हें जांच से दूर रखने के लिए कथित तौर पर अन्य मामलों में उलझाया जा रहा है। हैरानीजनक पहलू यह भी है कि डीआईजी नॉर्दर्न रेंज को एसआईटी में शामिल तक नहीं किया गया। जांच तेज़ तो हुई है लेकिन अभी तक एसआईटी मुख्य सरगना तक नहीं पहुंच पाई है।
अम्बाला से पकड़े आरोपी ने उगले राज, टॉप पुलिस अफसर के रिश्तेदार का आया नाम !
इस मामले की पड़ताल में सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। सूत्रों की मानें तो हरियाणा से पकड़े गए पेपर लीक कांड से जुड़े आरोपी से पूछताछ में एक टॉप पुलिस अफसर के रिश्तेदार का नाम कथित तौर पर सामने आया है। वहीं पेपर लीक कहां से हुआ, इसे लेकर भी जांच टीम को अहम रिकॉर्डिंग हाथ लगी है। ऐसे में यदि मामले की निष्पक्ष छानबीन हुई व इसे रफा दफा करने के प्रयास न हुए तो टॉप अफसरों की मिलीभगत का पर्दाफाश होने की पूरी संभावना है।