ख़बरिस्तान, धर्मशाला | हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा है कि राज्य सरकार पुलिस और होमगार्ड विभागों और अन्य क्षेत्रों में अग्निवीरों की भर्ती को प्राथमिकता देने के तरीके तलाशेगी। विवादास्पद अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग को लेकर युवाओं द्वारा देशव्यापी विरोध के बीच मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में यह ऐलान किया है। केंद्र द्वारा लायी गई अग्निपथ योजना में सशस्त्र बलों में रंगरूटों को अग्निवीर कहा जाएगा। इस योजना में युवाओं को केवल चार वर्षों के लिए सशस्त्र बलों में रोजगार की व्यवस्था की गई है, जिसके बाद 75 प्रतिशत अग्निवीर सेवानिवृत्त हो जाएंगे और उन्हें अन्य नौकरियों की तलाश करनी होगी।
योजना पर विपक्ष कर रहा राजनीति
सीएम जय राम ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्षी दल अग्निपथ जैसी दूरदर्शी और लाभकारी योजना का राजनीतिकरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना युवाओं के लिए फायदेमंद है क्योंकि उन्हें सेना में सेवा करने का सुनहरा अवसर मिलेगा। यह योजना युवाओं में राष्ट्रवाद भी जगाएगी। चार साल सेना में सेवा देने के बाद 25 फीसदी युवाओं को स्थायी रूप से भर्ती किया जाएगा। " राज्य और केंद्र सरकारें इस बात पर विचार करेंगी कि पुलिस और होमगार्ड विभागों और अन्य क्षेत्रों में अग्निवीरों की भर्ती को कैसे प्राथमिकता दी जाए। इनके लिए कई विकल्प उपलब्ध होंगे, ” जय राम ने कहा।
कांग्रेस हमलावर, पूरे राज्य में धरना प्रदर्शन
उधर, विपक्षी कांग्रेस ने अग्निपथ योजना के विरोध में समूचे हिमाचल में विरोध प्रदर्शन शुरू किए हैं। कांग्रेस नेताओं ने शिमला में विधानसभा के बाहर अग्निपथ योजना के विरोध में धरना दिया। कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू, विधायक अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने इस योजना को वापस लेने की मांग की। रविवार को कांगड़ा के नगरोटा में कांग्रेस महासचिव रघुबीर सिंह बाली (जानू) की अगुवाई में कांग्रेस ने समलोटी में विरोध रैली निकाली। उन्होंने कहा, 'यह देश के बेरोजगार युवाओं, खासकर हिमाचल के साथ क्रूर मजाक है। हिमाचली से करीब डेढ़ लाख युवा रक्षा बलों में सेवारत हैं।