खबरिस्तान नेटवर्क। भारतीय सेना में भर्ती की अग्निपथ स्कीम को लेकर पंजाब और केंद्र सरकार में टकराव हो गया है। सीएम भगवंत मान ने अग्निपथ के खिलाफ पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव लाने की बात कही है। जालंधर में बीते दिन हुए प्रदर्शन के बाद उन्होंने युवाओं से कहा कि 24 जून से पंजाब विधानसभा का सेशन है। उसमें ये प्रस्ताव लाएंगे। विधानसभा में इस स्कीम से जुड़ी बातें रखी जाएंगी।
वहीं, संगरूर में रोड शो के दौरान युवक ने सीएम मान को आवाज लगाई। जिसके बाद सीएम मान रुके और उससे बात कीं। युवक ने कहा कि वह अग्निपथ स्कीम का विरोध करें। मान बोले कि - इस मुद्दे पर वह डटकर युवकों के साथ खड़े हैं। सीएम मान ने कहा कि वह डटकर युवाओं के साथ खड़े हैं। न कोई समझौता किया जाएगा और न ही कोई राजनीति। इससे पहले चंडीगढ़ में केंद्रीय नियम लागू करने को करने को लेकर भी पंजाब सरकार प्रस्ताव पास कर चुकी है।
फौज भी किराए और कॉन्ट्रैक्ट पर : मान
भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार अब फौज भी किराए और कॉन्ट्रेक्ट पर दे रही है। स्कीम से सैनिकों के लड़ने की क्षमता कमजोर होगी। सिर्फ 4 साल में उनके पास जंग में दुश्मन से लड़ने का तजुर्बा नहीं होगा। स्कीम 4 साल बाद फौज से आए युवकों को बेरोजगार बना देगी। उनका भविष्य असुरक्षित हो जाएगा। ये स्कीम युवाओं को बेरोजगारी और गरीबी के बुरे दौर में धकेल देगी। जो देश की एकता, अखंडता और प्रभुसत्ता के लिए घातक साबित होगी।
अग्निपथ स्कीम का विरोध क्यों?
केंद्र सरकार अग्निपथ स्कीम के लिए अग्निवीर भर्ती कर रही है। साढ़े 17 साल से 23 साल तक युवाओं को इसमें भर्ती का मौका मिलेगा। चार साल बाद उन्हें रिटायरमेंट पर एकमुश्त रकम मिलेगी। हालांकि उन्हें पेंशन और कैंटीन जैसी सुविधाएं नहीं मिलेंगी। 25% को आगे सेना के लिए रेगुलर किया जाएगा। युवा जिसका विरोध कर रहे हैं।