खबरिस्तान नेटवर्क: भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान फिरोजपुर के गांव खाई फेमे में ड्रोन हमले में एक ही परिवार के 3 सदस्य घायल हो गए थे। इस हादसे में महिला सुखविंदर कौर है वह भी झुलस गई थी। महिला को लुधियाना के डीएमसी अस्पातल में भर्ती करवाया गया था लेकिन उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं महिला के पति लखविंदर सिंह भी हादसे में 70 प्रतिशत तक झुलस गए थे। उनकी हालत भी नाजुक बनी हुई है। महिला की मौत से पूरे खाई फेमे में मातम है।
परिवार वालों ने लगाया इल्जाम
इससे पहले सरहदी इलाके में घायल हुए परिवार की दास्तान भी सामने आई थी। फिरोजपुर के परिवार का आरोप है कि सरकारी अस्पताल में इलाज न मिल पाने के कारण वह निजी अस्पताल में पहुंचे जहां युद्ध जैसा माहौल था। यहां इलाज में उनसे एडवांस में पैसे लिए गए।
रिश्तेदारों ने जुटाए पैसे फिर किया इलाज
परिवारों ने रिश्तेदारों से 40 हजार रुपये इकट्ठे करके अस्पताल को दिए हैं। इसके बाद उन्हें इलाज मिला हालांकि मौके पर मौजूद रहे मंत्री ने परिवार को पैसे वापिस करने का आश्वासन दिया। अस्पताल के डॉक्टर ने भी कहा है कि पैसे लौटा दिए जाएंगे लेकिन परिवार को अभी तक पैसे नहीं मिले। इस पर फिरोजपुर के सीएमओ राजविंदर कौर का कहना है कि अस्पताल से इसे लेकर जवाब तलब किया जाएगा।
पाकिस्तान ने फिर किया था हमला
आपको बता दें कि पंजाब के अमृतसर और होशियारपुर जिलों में सोमवार को एहतियाती ब्लैकआउट उपाय भी लागू किए गए। अधिकारियों ने बताया कि जालंधर के कुछ इलाकों में भी लाइट बंद कर दी गई है। पंजाब के पाकिस्तान के साथ 553 किलोमीटर लंबी सीमा है। सीमा से लगे अमृतसर में हवाई हमले का सायरन भी बजाया गया था। अमृतसर प्रशासन ने नागरिकों से शांत रहने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति को बहाल करने की तैयारी होने पर हम आपको सूचित करेंगे आप घबराएं नहीं।
होशियारपुर में भी हुआ था ब्लैकआउट
होशियारपुर जिले के दसूया और मुकेरियां में ब्लैकआउट किए गए। सोमवार को पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में सामान्य स्थिति ही देखी गई। बाजारों में लोगों की भीड़ उमड़ी हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कारर्वाई रोकने के लिए सहमति बनने के बाद एहतियात के तौर पर कुछ जिलों में स्कूल भी बंद किए गए। चार दिन तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए 10 मई को सहमति बनी थी।