ख़बरिस्तान नेटवर्क : पंजाब में बाढ़ की मार को देखते हुए केंद्रीय कृषिमंत्री शिवराज सिंह चौहान बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने आए। दौरा करने के बाद आज उन्होंने बताया कि पंजाब में यह बाढ़ अवैध खनन के कारण आई है। अवैध खनन के कारण ही नदियों के बांध कमजोर हो गए और गांवों में पानी आ गया।
केंद्र पंजाब के किसानों के साथ
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिखा कि पंजाब में बाढ़ की जो परिस्थितियां हैं, उससे पीएम काफी चिंतित हैं। उन्हीं के निर्देश पर मैं वहां के हालात समझने पंजाब गया था। पंजाब में जलप्रलय की स्थिति है। फसलें तबाह और बर्बाद हो गई हैं। संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार पंजाब की जनता और किसानों के साथ खड़ी है।
संकट से उबरने के लिए केंद्र कसर नहीं छोड़ेगी
पंजाब में बाढ़ की जो परिस्थितियां हैं, उससे आदरणीय प्रधानमंत्री जी अत्यंत चिंतित हैं । उन्हीं के निर्देश पर मैं वहां के हालात समझने पंजाब गया था।
पंजाब में जलप्रलय की स्थिति है। फसलें तबाह और बर्बाद हो गई हैं। संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार पंजाब की जनता और किसानों के साथ खड़ी… pic.twitter.com/zSjfttbvh6
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 5, 2025
उन्होंने आगे लिखा कि अब बाढ़ग्रस्त इलाकों के पुनर्निमाण के लिए हमें योजनाबद्ध तरीके से काम करने की जरूरत है। पंजाब को इस संकट से बाहर निकालने के लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं बनानी होंगी। मैं पीएम को पंजाब के नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट सौंपूंगा। संकट बड़ा है, लेकिन इस संकट से निकलने के लिए केंद्र सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ेगी।
पंजाब सरकार भी जमीनी स्तर पर काम करे
शिवराज सिंह चौहान ने आगे लिखा कि साथ ही राज्य सरकार को भी पूरी गंभीरता के साथ जमीनी स्तर पर काम करना होगा। जब पानी उतरेगा तो बीमारी फैलने का खतरा सामने होगा। मरे हुए पशुओं का सुरक्षित तरीके से निस्तारण करना होगा, जिससे बीमारी न फैले। खेतों में सिल्ट जमा हो गई है, उसे हटाने की योजना बनानी होगी, ताकि अगली फसल पर संकट न रहे।
अवैध खनन के कारण आई बाढ़
जब अटल बिहारी वाजपयी प्रधानमंत्री थे और प्रकाश सिंह बादल पंजाब के मुख्यमंत्री थे तब फसलों को बाढ़ से बचाने के लिए सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर नदियों के किनारों पर बाँध (बंध) मज़बूत और ऊँचे किए गए। लेकिन अवैध खनन के कारण वे कमजोर हो गए और गांवों में पानी आ गया। अब जरूरी है कि उन संरचनाओं को मजबूत करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी से पंजाब को बचाया जा सके।
पंजाब में सेवा करने की मिसाल देखी
संकट की इस घड़ी में मैंने पंजाब में पीड़ितों की सेवा करने की मिसाल देखी। अपने-अपने गांव से ट्रैक्टर्स में भोजन, कपड़े, दवाईयां लेकर हजारों समाजसेवी निकल पड़े और गांव-गांव में सेवा कर रहे हैं। मैं पंजाब के इस सेवा भाव को प्रणाम करता हूं। पीड़ित मानवता की सेवा ही भगवान की पूजा है।
इस आपदा की घड़ी में न सिर्फ पंजाब, बल्कि आसपास के राज्यों के लोगों ने भी मदद के हाथ बढ़ाए हैं। एकता और सेवा का यही भाव हमें बड़े से बड़े संकट से भी बाहर निकलने की शक्ति देता है। हम इस संकट से भी पंजाब की जनता को पार ले जाएंगे।