[trending_topics]

View All Topics

ਵਿਕਰੇਤਾ ਤੋਂ ਇਸ਼ਤਿਹਾਰ

[trending_news_categories]
[trending_topics]

View All Topics

[breaking_news]

Now it will be easy to visit Ram temple, new plan made on entry-exit for devotees : महाकुंभ पर राम नगरी में उमड़ी श्रद्धालुओं की अपार भीड़ को देखते हुए निर्माण समिति की बैठक में नए सिरे से मंथन किया जा रहा है। राम जन्मभूमि के दर्शन और निकासी द्वार को बढ़ाने का भी फैसला लिया गया है। अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के नेतृत्व में मंदिर के निर्माण कार्य की समीक्षा करने के लिए दो दिन की बैठक की जा रही है। समिति की बैठक का आज दूसरा दिन है। पहले दिन की बैठक में कई अहम निर्णय लिए हैं। निर्माण कार्य को देखा गया और कुछ नए प्रस्ताव भी स्वीकृत किए गए।

जूते चप्पल रखने की व्यवस्था पर विचार 

निपेंद्र ने बताया कि विशेष रूप से जो निकासी का मार्ग है वहां भी जूते चप्पल रखने की व्यवस्था करने पर विचार किया गया, जिससे श्रद्धालुओं को सुविधा मिले। साथ ही एंट्री-एग्जिट पर भी नया प्लान बनाया गया। उन्होंने कहा,” मूर्तियों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। जैसे-जैसे मेले की भीड़ कम होगी। सर्वप्रथम तुलसीदास जी की मूर्ति जो तैयार है उसे लगाया जाएगा। 

बढ़ाई जाएगी श्रद्धालुओं की दर्शन क्षमता

अध्यक्ष ने कहा कि राम जन्मभूमि परिसर का जो अभी 11 नंबर गेट है उस पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। हालांकि नंबर 3 का गेट है उस पर निर्माण कार्य अभी नहीं हो पा रहा है क्योंकि श्रद्धालु अभी वहां से बाहर जा रहे हैं। निर्माण समिति के सभी प्रमुख सदस्य परिसर के विभिन्न स्थानों का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने बताया कि राम मंदिर निर्माण का काम 25 दिन रुक गया है। ऐसे में जो मार्च महीने में मंदिर को पूर्ण करने का कार्यक्रम था वो जून में पूरा होगा। 

शिवलिंग स्थापना, जून तक निर्माण कार्य 

मंदिर का जून तक निर्माण कार्य पूरा होगा और परकोटा को सितंबर तक हो पाएगा। जो सात मंदिर बन रहे हैं उनमें जो साधु-संतों की मूर्तियां आएंगी। उन्हें स्थापित किया जाएगा। परकोटा में जो शिव जी का मंदिर है वहां शिवलिंग की स्थापना मार्च में पूरी हो जाएगी। मुख्य मूर्ति जो राम दरबार है। अंतिम मुआयना वासुदेव कामद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय 26 फरवरी को करने जाएंगे। अगर अनुमति मिल जाती है तो राम दरबार की मूर्ति भी मार्च महीने तक लाने का प्रयास किया जाएगा।