खबरिस्तान नेटवर्क: केंद्र सरकार की ओर से अब गिग वर्कस को बड़ा तोहफा मिल सकता है। इसके लिए सरकार जल्दी ही स्कीम लाएगी। गिग वर्कर्स ऐसे कर्मचारी होते हैं जो कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर किसी संस्थान के लिए काम करते हैं। ऐसे में जोमैटो, स्विगी, ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी दिग्गज कंपनियों ने सरकार के इस प्रस्ताव पर हामी भी भर दी है। अब अगले महीने से कैबिनेट में इस प्रस्ताव को भी भेजा जा सकता है। वहीं गिग वर्कर्स को पेंशन सुविधा के दायरे में लाकर सामाजिक सुरक्षा कवच मुहैया करवाने का प्रस्ताव केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने लगभग अंतिम रुप में दे दिया है। इसमें गिग वर्कर्स को पेंशन देने के लिए एग्रीगेटर्स कंपनियों से दो फीसदी अंशदान लेने का प्रस्ताव है।
आखिर क्या होते हैं गिग वर्कर्स
जो कर्मचारी कॉन्ट्रैक्स बेसिस पर किसी संस्थान के साथ काम करते हैं। उन्हें गिग वर्कर्स कहते हैं। ऐसे कर्मचारियों को काम के बदले पेमेंट किया जाता है। इन्हें किसी भी तरह की सामाजिक और हेल्थ जैसी सुविधाएं नहीं मिलती हैं। इनमें फ्रीलांसर्स, ऑनलाइन सर्विस देने वाले कर्मचारी, कंटेंट क्रिएटर्स, कॉन्ट्रैक्ट फर्म के साथ जुड़े कर्मचारी, डिलीवरी का काम करने वाले कर्मचारी, कैब ड्राइवर शामिल हैं। ये सभी अस्थायी कर्मचारी होते हैं।
सरकार कर रही पेंशन देने की तैयारी
गिग वर्कर्स को पेंशन देने के प्रस्ताव पर ऐमजॉन, जोमैटो जैसी कंपनियों ने भी अपनी सहमति जता दी है। ई-कॉमर्स एग्रीगेटर्स जो 2 फीसदी गिग वर्कर्स के हरेक पेमेंट में से कट करेंगे। वो अमाउंट गिग वर्कर्स के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन अकाउंट में जमा होगा। उनकी नियमित कमाई पर कोई असर नहीं होगा। गिग वर्कर्स को एक तरीके से डेली बेस्ड कर्मचारी भी कहते हैं।
बजट 2025 में गिग वर्कर्स पर हुई थी चर्चा
इस साल पेश किए गए बजत में वित्त मंत्री सीतारमण ने गिग वर्कर्स के लिए एक खास प्लेटफॉर्म शुरु करने की बात कही थी। इसके जरिए ऐसे कर्मचारियों की पहचान करके उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं समेत बाकी फायदे भी दिए जाएंगे।