ख़बरिस्तान नेटवर्क : कनाडा सरकार अपने नागरिकता कानून में बड़ा बदलाव करने जा रही है। कनाडा की संसद में हाल ही में सी-3 नाम का बिल लाया जा रहा है। जिसमें कनाडा की मौजूदा हेरीडेरिट्री सिटीज़नशिप सिस्टम को पारदर्शी और सख्ती बनाने की कोशिश की जा रही है। अगर यह बिल पास हो जाता है तो विदेशों में जन्में बच्चों को कनाडा की नागरिकता पाने के लिए सिर्फ माता-पिता का कनाडाई होना काफी नहीं होगा। माता-पिता ने खुद भी एक समय सीमा तक कनाडा में निवास किया हो।
जानें क्या है Bill C-3
दरअसल मौजूदा समय में 2009 के नियमों के तहत वंश आधारित नागरिकता केवल पहली पीढ़ी तक सीमित है। यानी अगर एक कनाडाई नागरिक विदेश में बच्चे को जन्म देता है या फिर गोद लेता है, तो उसे नागरिकता दी जा सकती है। पर अब नए प्रस्ताव के तहत माता-पिता के लिए सिर्फ कनाडा का सिटीजनशिप होना पर्याप्त नहीं होगा।
नए प्रस्ताव के मुताबिक अगर कोई कनाडाई नागरिक अपने बच्चे को कनाडा से बाहर जन्म देता है या फिर गोद लेता है, उसे तभी नागरिकता मिलेगी जब उसके माता-पिता ने कम से कम 3 साल कनाडा में व्यतीत किए हों। यह बदलाव कनाडाई नागरिकता को जन्मस्थान से अधिक व्यक्तिगत और राष्ट्रीय जुड़ाव पर आधारित बनाने का प्रयास है।
भारतीयों पर भी पड़ेगा असर
अगर नया बिल पास हो जाता है तो इसका कहीं न कहीं असर भारतीयों पर भी पड़ेगा। क्योंकि कई भारतीय कनाडा की नागरिकता ले चुके हैं, पर काम के सिलसिले में वह दूसरे देश में बसे हैं। इसलिए अगर उन्हें अपने बच्चों को कनाडा की नागरिकता दिलवानी हो तो उन्हें पहले कनाडा में कम से कम 3 साल गुजारने होंगे।
सरकार का क्या कहना है
कनाडा का इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप विभाग (IRCC) इस बदलाव को एक सुधारात्मक कदम मानता है। विभाग का कहना है कि मौजूदा नियम वैश्विक जीवनशैली और प्रवासी परिवारों की जमीनी हकीकत को सही से प्रतिबिंबित नहीं करते। Bill C-3 को “नागरिकता में निष्पक्षता और पारदर्शिता” लाने वाला कानून बताया जा रहा है।