पंजाब में काला कच्छा गिरोह एक बार फिर एक्टिव हो गया है। फगवाड़ा में इस गिरोह ने एक गोदाम में वारदात को अंजाम दिया। मिली जानकारी मुताबिक फगवाड़ा के प्रमुख बंगा रोड पर स्थित बसरा पैलेस के पास चोपड़ा एजैंसी के गोदाम में लगभग 6 काला कच्छा गैंग के सदस्य घुस आए। रात के करीब 3 बजे बेखौफ होकर गोदाम के अंदर खड़े टू व्हीलर लेकर फरार हो गए।
जानकारी मुताबिक, गैंग ने 2 वाहन एक एक्टिवा और रॉयल इनफील्ड लेकर भाग गए। हालांकि तीसरा मोटरसाइकल उनसे स्टार्ट नहीं हुआ। जिसके कारण उसे वहां छोड़कर भाग गए। वहीं चोपड़ा एजैंसी के मालिक ने वारदात की सूचना थाना सिटी में दर्ज करवा दी है। फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।
जानें काले कच्छे वाला गिरोह के बारे में
‘काले कच्छे वाला’ गिरोह। एक समय पंजाब में इस गिरोह का ऐसा खौफ था कि सूरज ढलने के बाद लोग घरों से बाहर नहीं निकलते थे। 1 सितंबर 1993 को एजेंस फ्रांस प्रेस (AFP) की रिपोर्ट में बताया गया कि ‘काले कच्छे वाले’ गिरोह को ये नाम पंजाब के उन लोगों ने दिया जिन्होंने दावा किया कि उनका सामना इनसे हुआ है।
लोगों के बीच ये बात फैल गई कि लूट मार करने वाला ये गिरोह कपड़ों के नाम पर सिर्फ काले कच्छे पहनता है। इसी को आधार मान कर इस गिरोह को काले कच्छे वालों का गिरोह कहा जाने लगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस गिरोह के सदस्यों के देखे जाने की खबरें पहली बार अगस्त 1993 में सामने आईं। इसके बाद तो उनके अस्तित्व की अफवाहें पंजाब में "जंगल की आग’ की तरह फैल गईं।
इस गिरोह पर अपहरण, लूट और दुष्कर्म के आरोप लगे। काले कच्छे वालों को लेकर कहानियां तो बहुत कही गईं लेकिन ये कौन थे, इस गैंग का प्रधान कौन था या ये किस राज्य से आए थे, इसका पता कभी नहीं लग सका। कई बार तो ऐसे मामले सामने आए जब काले कच्छे वाले गिरोह के नाम पर स्थानीय लुटेरों ने ही वारदात को अंजाम देना चाहा।