अहमदाबाद में 12 जून को हुए विमान हादसे में 270 लोगों की मौत हुई है। वही इस हादसे के 2 दिन बाद एक और एयर इंडिया विमान हादसे के करीब पहुंच गया था। दिल्ली से वियना जा रही फ्लाइट AI-187 टेक-ऑफ के कुछ मिनटों बाद गंभीर तकनीकी चेतावनियों की चपेट में आ गई थी। करीब 900 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा विमान अचानक से नीचे गिरने लगा। विमान को इस संबंध में तमाम वॉर्निंग भी मिली थीं।
शेकर’ अलार्म हुए एक्टिव
कॉकपिट में लगातार अलार्म बजने लगे— 'स्टॉल वॉर्निंग' और ‘GPWS डोंट सिंक’ जैसी चेतावनियां पायलट्स को बताने लगीं कि अब और देरी खतरे को दावत दे सकती है। इसके साथ ही स्टिक शेकर’ अलार्म भी एक्टिव हो गया यह सिस्टम तब सक्रिय होता है जब विमान स्टॉल की कगार पर पहुंच जाता है और पायलट के कंट्रोल कॉलम को ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगता है, ताकि पायलट को स्थिति की गंभीरता का तुरंत एहसास हो।
वियमन ने वियना में सुरक्षित लैंडिंग
हालांकि इस दौरान पायलट्स ने समय पर निर्णय लेते हुए तुरंत विमान की दिशा और गति पर नियंत्रण पाया और उसे सुरक्षित ऊंचाई पर पहुंचा दिया। फ्लाइट ने आगे की 9 घंटे की यात्रा पूरी की और वियना में सुरक्षित लैंडिंग की। वहां से नया क्रू आया और विमान को टोरंटो के लिए रवाना कर दिया गया।
12 जून को हुए विमान हादसे के 2 दिन बाद सामने आया मामला
बता दे कि यह मामला 12 जून को हुए अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद 14 जून का है। हैरानी की बात यह है कि फ्लाइट के पायलट्स ने अपनी रिपोर्ट में सिर्फ इतना लिखा कि ‘टेक-ऑफ के समय टर्बुलेंस के कारण स्टिक शेकर एक्टिव हुआ , लेकिन उन्होंने बाकी चेतावनियों का ज़िक्र ही नहीं किया।
लापरवाही के कारण दोनों पायलट्स को किया सस्पेंड
लेकिन जब DGCA ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) की जांच करवाई, तब जाकर असली तस्वीर सामने आई। जिसके कारण पता लगा कि विमान को कई गंभीर तकनीकी अलर्ट मिले थे। वही अब DGCA ने इस लापरवाही पर तुरंत सख्त कदम उठाते हुए दोनों पायलट्स को ड्यूटी से सस्पेंड कर दिया है।