ख़बरिस्तान नेटवर्क : कनाडा में रिकार्ड तोड़ मतदान के बाद मार्क कार्नी वहां के नए PM बन गए है। जिसके बाद विपक्ष पार्टी NDP के नेता जगमीत सिंह ने अपनी सीट हारने के बाद अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। सिंह ने कहा, "बर्नबाई सेंट्रल के लोगों को रेप्रिज़ेन्ट करना मेरे जीवन का सम्मान है।" "उन्होंने संसद का एक नया सदस्य चुना है, और मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं कि वे इस समुदाय के लिए कड़ी मेहनत करते रहें।"
उन्होंने आगे कहा- "मैं जानता हूँ कि यह न्यू डेमोक्रेट्स के लिए निराशा की बात है। हमारे पास वाकई अच्छे उम्मीदवार थे, जो आज हार गए। मैं जानता हूँ कि आपने कितनी मेहनत की है। मैंने आपके साथ समय बिताया है, आप अद्भुत हैं।"
Election में सिर्फ 27.3 प्रतिशत वोट
बता दें कि NDP के नेता जगमीत सिंह को सिर्फ 27.3 प्रतिशत वोट मिले। जिस कारण उन्हें करारे हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने X पर ट्वीट कर एक पोस्ट शेयर किया। इसके साथ ही उन्होंने नए प्राइम मिनिस्टर मार्क कार्नी को भी उनके जीत के लिए बधाई दी। इसी के साथ कंजर्वेटिव पार्टी 38.5% की वोटों से दूसरे नंबर पर रही।
बहुमत पर अभी भी बना हुआ है सस्पेंस
कनाडा के सरकारी न्यूज चैनल कनाडाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन की मानें तो कनाडा में कुल 343 संसदीय सीटें हैं इनमें से ज्यादातर सीटों पर लिबरल पार्टी के उम्मीदवारों ने ही जीत का परचम लहराया है हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि लिबरल पार्टी को पूरी बहुमत मिलगी या फिर नहीं।
लगातार चौथी बार सत्ता में आ रही है लिबरल पार्टी
आपको बता दें कि लिबरल पार्टी की इस वजह का कारण अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विरुद्ध आवाज उठाना बताया जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से पहले ही ट्रंप कनाडा को 51वां राज्य बनाने का ऑफर दे चुके हैं। ऐसे में इसका न सिर्फ पीएम मार्क कार्नी बल्कि पूरी लिबरल पार्टी ने इस बयान का सख्त विरोध किया था। उनका यह मुद्दा कनाडा का चुनावी एजेंडा बन चुका था। इसी के दम पर लिबरल पार्टी अब लगातार चौथी बार सत्ता में आने की तैयारी कर रही है।
जस्टिन ट्रूडो ने पद से दिया था इस्तीफा
कनाडा के प्रधानमंत्री रहे जस्टिन ट्रूडो ने इस साल की शुरुआत में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद मार्क कोर्नी सत्ता में आए थे और तब से ही वे अपने पद पर बने हुए है। बता दें कि कनाडा में प्रधानमंत्री का कार्यकाल 5 साल का होता है, लेकिन बहुतम खो देने पर या फिर पीएम चाहे तो समय से पहले संसद भंग कर नए चुनाव का ऐलान कर सकते हैं। मार्क कार्नी ने ऐसा ही किया।