खबरिस्तान नेटवर्क: इजरायल और ईरान के बीच में नौ दिनों से जंग चल रही है। दोनों ओर से एक-दूसरे पर हवाई हमले हो रहे हैं। शहर दर शहर तबाह होते जा रहे हैं। इजरायल का निशाना ईरान के न्यूक्लियर प्लांट है जिसको तबाह करने के लिए उसने अमेरिका से भी मदद मांगी लेकिन अब इसी पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दे दिया है। ईरान के खिलाफ इजरायल का साथ देने के लिए अमेरिकी फौजों को भेजने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा कि ये आखिरी ऑप्शन होगा। अभी हमारे पास अधिकतम दो हफ्ते का समय है। इजरायल के पास ईरान के अंडरग्राउंड फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट को अपने दम पर नेस्तनाबूद करने की क्षमता नहीं है। इजरायल के पास बहुत सीमित क्षमता है वो फोर्दो का एक हिस्से को थोड़ा बहुत ही नुकसान पहुंचा सकता है लेकिन इसको खत्म नहीं कर सकता।
अमेरिका ने किया यह दावा
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका का दावा है कि ईरान के पास न्यूक्लियर बम बनाने की पूरी क्षमता है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि ईरान के सुप्रीम लीडर के आदेश पर ईरान कुछ ही हफ्तों में न्यूक्लियर बम बना सकता है। उन्होंने कहा कि तेहरान के पास न्यूक्लियर बम बनाने के लिए हर जरुरी सामान है। यदि ईरान परमाणु बम तैयार कर लेता है तो यह पूरी दुनिया के लिए खतरा होगा और इससे खतरा बढ़ेगा। बता दें कि इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर 12 जून को ही धावा बोल दिया था। इस हमले को ऑपरेशन राइजिंग लॉयल के अंतर्गत अंजाम दिया गया लेकिन इससे बौखलाए ईरान को इजरायल की राजधानी तेल अवीव सहित उसके रिहायशी इलाकों पर अटैक करना शुरु कर दिया। इससे दोनों और लगातार हमले हो रहे हैं।
ईरान ने खोला अपना एयरस्पेस
वहीं इसी बीच ईरान ने भारत के लिए अपना एयरस्पेस खोल दिया है। जंग के बीच ईरान में फंसे भारतीयों को सकुशल भारत में लाया जा रहा है। ऑपरेशन सिंधु के अंतर्गत ईरान में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाया जा रहा है। शुक्रवार रात को 290 भारतीयों को भारत में लाया गया। इससे पहले 19 जून को 110 भारतीयों को लाया गया था। इस ऑपरेशन के अंतर्गत सरकार अगले दो दिनों में लगभग एक हजार भारतीय नागरिकों को रेस्क्यू करेगी। फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट का निर्माण असल में ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की सैन्य ईकाई के तौर पर किया गया था। यह ईरान के कौम शहर के उत्तरपूर्व में है और पहाड़ के कई फीट नीचे हैं जो इसे हवाई हमलों से सुरक्षित बनाता है।