खबरिस्तान नेटवर्क : जालंधर नगर निगम के एटीपी सुखदेव वशिष्ठ करप्शन के मामले में बुरी तरह उलझ गए हैं। उनके घर से बड़ी मात्रा सोने के गहने मिलने के बाद उन पर आरोप लगाने वाले और मजबूती से और भी कई खुलासे कर रहे हैं। गिरफ्तारी के बाद कोर्ट से आरोपी का 2 दिन का रिमांड भी मिल गया था, जहां उससे पूछताछ की गई। इस पूछताछ में उन्होंने कई खुलासे किए हैं। विजिलेंस से निकलने वाली जानकारी पर सबकी नजर है। सूत्रों के मुताबिक वशिष्ठ आय से अधिक संपत्ति के मामले में फंस गए हैं। विजिलेंस अगर इस मामले को सही अंजाम तक पहुंचाती है तो वशिष्ठ बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं।
अब सवाल है कि क्या एटीपी की सैलेरी में ये लाइफ स्टाइल बन सकता है। नगर निगम में एटीपी (Assistant Town Planner) की ग्रेड ए (S15) के लिए औसत सैलेरी ₹41,800 से ₹1,32,300 प्रति माह तक होती है, जबकि ग्रेड बी (S14) के लिए यह ₹38,600 से ₹1,22,800 प्रति माह तक हो सकती है। उन पर आरोप तो तीस हजार रुपए मांगने का है, मगर उनके घर से मिले एक किलो से ज्यादा सोने के गहने ये बता रहे हैं दाल में कुछ तो काला है।
असिस्टेंट टाउन प्लानर सुखदेव वशिष्ठ के लद्देवाली के गुलमर्ग एवेन्यू में रहते हैं। जालंधर की इस पॉश कालोनी में फाईव बीएचके फ्लैट की कीमत करीब एक करोड़ रुपए है। भास्कर की खबर के मुताबिक विजिलैंस को उनके घर से एक किलो से ज्यादा सोने के गहने मिले हैं, जिन्हें विजिलेंस ने वीडियोग्राफी करके जब्त किया ।
बोले मां और बहन के गहने
भास्कर की खबर के मुताबिक विजिलेंस ने एक लिस्ट बनाकर उनके फैमिली मेंबर के साइन करवाकर लिस्ट दी थी। बरामद गहनों का वजन भी उनके सामने ही करवाया गया। विजिलेंस ने एटीपी से पूछा तो बोले- ये गहने उनकी मां और बहन के हैं। पत्नी के बारे बोले कि आपसी रिश्ते अच्छे नहीं थे तो लंबे समय से वह उनके साथ नहीं रहती है। एटीपी से पूछा कि इन गहनों के बिल हैं? इस पर बोले- काफी पुराने हैं । विजिलेंस ने फैमिली से गहनों की मलकीयत को लेकर बिल मांगे हैं। विजिलेंस एटीपी के साथ-साथ उनके फैमिली मेंबर्स के बैंक अकाउंट चेक करवा रही है।
मीडिया के ड्रोन भी राडार पर
इस मामले को लेकर सियासत में मीडिया में जबरदस्त हलचल है। एटीपी वशिष्ठ के पास वेस्ट हलके की जिम्मेदारी थी तो पूर्व विधायक शीतल अंगुराल ने अलग से मोर्चा खोल रखा है। वह वीरवार को दिन में दो बार लाईव हुए और हलका विधायक महिंदर भगत पर कई आरोप लगाए। हालांकि विजिलेंस ने ऐसी किसी बात की पुष्टि नहीं की जिसे लेकर अंगुराल सियासत कर रहे हैं।
वहीं, दूसरी तरफ इस मामले में दिन भर ये भी चर्चा रही कि वशिष्ठ पूछताछ में कुछ लोगों के भी नाम ले सकते हैं। इसे लेकर कुछ नाम भी चर्चा में आए। इनमें कुछ नाम उन पत्रकारों के हैं जो अक्सर अवैध बिल्डिंगों और कालोनियों पर ड्रोन की तरह मंडराते रहते हैं।
दरअसल वशिष्ठ इमारतों पर कार्रवाई करते थे और फिर ये पत्रकार उन्हीं इमारत मालिकों को फोन करते थे कि हम खबर लगा रहे हैं आपका क्या कहना है। आरोप है कि कई मामलों में ये पत्रकार भी इन्वाल्व होते थे। वशिष्ठ काफी मीडिया फ्रेंडली हैं। पूछताछ में वशिष्ठ क्या इन नामों का खुलासा करेंगे या नहीं ये देखना होगा।
युद्ध में भी एक्टिव थे वशिष्ठ
एटीपी सुखदेव वशिष्ठ ही अपने सेक्टर में सीलिंग, अवैध निर्माण पर कार्रवाई करते थे। वह देर रात और सुबह तड़के भी सीलिंग करने निकलते थे। यहां तक कि बीते दिनों भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान भी वह अवैध बिल्डिंगों पर कार्रवाई में बिजी थे। बीते साल एक बेकरी सील करने के मामले में उनकी शिकायत चंडीगढ़ पहुंची और उनका ट्रांसफर पठानकोट कर दिया था।
फरवरी में जालंधर डेपुटेशन पर आए
यहां से 20 फरवरी 2025 में जालंधर निगम में डेपुटेशन पर आए हैं। इसके बाद सेक्टर मिलने पर एरिया में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी।। उधर, नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच की एडहॉक कमेटी के चेयरमैन अश्वनी अग्रवाल ने कहा है कि जो इमारतें अवैध बन रही हैं, इन पर एक्शन होगा। सीएम भगवंत मान के साफ आदेश हैं कि रेवेन्यू लीकेज रोकी जाए। बिल्डिंग शाखा के अफसर 19 मई यानी सोमवार को सारा रिकॉर्ड रखेंगे।
दो दिन के रिमांड पर
विजिलेंस की टीम ने जालंधर नगर निगम के अधिकारी असिस्टेंट टाउन प्लानर (ATP) सुखदेव वशिष्ठ को 30 हजार रुपए रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी को लोगों की तरफ से मिल रही शिकायतों के बाद गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद कोर्ट से आरोपी का 2 दिन का रिमांड भी मिल गया है, जहां उससे पूछताछ की जाएगी।
अर्जियां लेट कर वसूली का आरोप
विजिलेंस अधिकारी ने बताया कि सुखदेव वशिष्ठ जानबूझकर अर्जियों को मंजूरियां देने में देरी करके लोगों से पैसे वसूल रहा था। जालंधर में इमारतों के 70 फीसदी नक्शे नगर निगम द्वारा पहले ही मंजूर किए जा चुके हैं, लेकिन उक्त सहायक नगर योजनाकार सुखदेव वशिष्ठ ने रिश्वत न मिलने तक कुछ अर्जियों पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
सीलिंग की देता था धमकी
अधिकारी ने यह भी बताया कि उस पर आरोप हैं कि एक मामले को मंजूरी देने की प्रक्रिया के लिए उस व्यक्ति से 30,000 रुपये रिश्वत मांगी है। उक्त मुलजिम आवेदकों को डराने के लिए चैकिंग के दौरान इमारतों को सील करने आदि की धमकियां भी देता है और अक्सर कहता है कि उसे अपने तबादले की भी परवाह नहीं है।उन्होंने आगे कहा कि शिकायत की शुरूआती जांच के बाद विजिलेंस ब्यूरो जालंधर रेंज ने सुखदेव वशिष्ठ के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया है। भ्रष्टाचार में मुलजिम की भूमिका के बारे में और पता लगाने के लिए इस मामले की बारीकी से जांच की जा रही है।