Water comes up in this pond just by clapping : क्या आपने कभी ऐसे हौज के बारे में सुना है जहां ताली बजाने पर पानी ऊपर आ जाता है। इतना ही नहीं क्या आपने कभी ऐसा हौज देखा है जो गर्मियों में ठंडा और सर्दियों में गर्म पानी देता हो। जाहिर है आपका जवाब ना होगा, लेकिन हम आपको एक ऐसे पूल के बारे में बताने जा रहे हैं। आपने अब तक कई पानी की टंकियों के बारे में सुना होगा। कई जल कुंडों की अपनी-अपनी कहानी है। कुछ जलस्रोत अपने शाप के लिए प्रसिद्ध हैं तो कुछ भविष्य में आने वाली आपदाओं का संकेत देने के लिए...
बोकारो शहर से 27 किमी दूर
झारखंड के बोकारो जिले में स्थित इस तालाब की खास बात यह है कि अगर आप यहां ताली बजाते हैं तो पानी अपने आप ऊपर उठने लगता है। लोगों के मुताबिक इस दौरान ऐसा महसूस होगा जैसे किसी बर्तन में पानी उबल रहा हो। बोकारो शहर से 27 किमी दूर स्थित इस ताल को दलाही ताल के नाम से जाना जाता है।
कंक्रीट की दीवारों से घिरा टैंक
यह टैंक चारों तरफ से कंक्रीट की दीवारों से घिरा हुआ है। इस कुंड में दूर-दूर से लोग स्नान करते हैं। इस कुंड के बारे में कई शोध हुए हैं कि आखिर ताली बजाने से पानी ऊपर कैसे आ जाता है, लेकिन आज तक कोई यह नहीं बता पाया कि इस पर किसका शासन था।
कभी भी चर्म रोग बीमारी नहीं
दलाही कुंड के बारे में लोगों का मानना है कि जो भी इस कुंड के जल में स्नान कर मन्नत मांगता है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इतना ही नहीं, कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति इस कुंड में स्नान करता है तो उसे कभी भी चर्म रोग जैसी घातक बीमारी नहीं होगी। इस तालाब का पानी बहुत साफ है।
सल्फर और हीलियम गैस है
वहीं वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर इस कुंड में नहाने से त्वचा संबंधी रोग नहीं होते हैं तो इसका मतलब है कि इस कुंड के पानी में सल्फर और हीलियम गैस है। साथ ही तालाब से निकला पानी जमुई नामक धारा में चला जाता है।
ध्वनि तरंगों के कारण होता है
इसके बाद इस कुंड का पानी गर नदी में प्रवाहित होता है। हालांकि आज तक कोई भी यह साबित नहीं कर पाया है कि ताली बजाने से तालाब में पानी कैसे बढ़ जाता है। लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा संभवत: ताली बजाने से उत्पन्न ध्वनि तरंगों के कारण होता है।