ख़बरिस्तान नेटवर्क : पहलगाम हमले की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। आतंकवादी हेलमेट पहने हुए थे और उन हेलमेट्स में कैमरे लगे हुए थे। इन कैमरों से उन्होंने घटना की पूरी वीडियोग्राफ़ी की है। अब सवाल है कि ये वीडियोग्राफी पाकिस्तान में बैठे उनके आका लाईव देख रहे थे क्या ? आतंकवादियों ने अमेरिका निर्मित M4 कार्बाइन राइफलों और AK-47 से गोलीबारी की है।
इंडिया टुडे न्यूज ग्रुप ने सूत्रों के हवाले से ये खुलासे किए हैं।आतंकियों ने सिर्फ पुरुषों को ही मारा है। कुछ पुरुषों पर दूर से स्नाईपर ने भी फायर किया है। ये दहशत और दरिंदगी का खेल करीब आधा घंटा चला। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ख़ून ज़्यादा बहने के कारण कई लोगों की जान चली गई।
इस इलाके को हमले के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि बैसरन में गाड़ियां नहीं जातीं। सुरक्षा बल भी इस इलाके में नहीं रहते। शक जताया गया है कि पश्तून बोलने वाले 2 पाकिस्तानी आतंकवादी और 2 स्थानीय आदिल और आसिफ़ इस घटना में शामिल हो सकते हैं। ये दोनों स्थानीय बिजभेरा और त्राल के रहने वाले हैं। कुल आतंकी कितने थे ये कहना अभी मुश्किल है।
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, 22 अप्रैल की रात तक घटनास्थल से करीब 50 से 70 इस्तेमाल किए हुए कारतूस बरामद किए गए थे। केंद्र सरकार इस मामले की जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपने की योजना बना रही है। NIA ने भी कई चश्मदीदों के बयान दर्ज किए और फ़ॉरेंसिक टीम ने गोलियों के खोल व नमूने लिए हैं।
सूत्र के मुताबिक पहली नजर में ऐसा प्रतीत होता है कि आतंकवादियों ने किश्तवाड़ बार्डर पार किया। फिर अपने स्थानीय गुर्गों की मदद से कोकरनाग के रास्ते बैसरन पहुंचे। दो आतंकवादियों के पास M4 कार्बाइन राइफलें थीं। जबकि अन्य दो के पास AK-47 राईफल थीं।
इंडियन एक्सप्रेस के सूत्र के अनुसार, खुफिया एजेंसियों ने कुछ दिन पहले अलर्ट भेजा था। इसमें बताया गया था कि एक आतंकी समूह ‘गैर-स्थानीय लोगों’ पर हमले की योजना बना रहा है और IED हमले की संभावना है। लेकिन सूत्र ने कहा कि डिटेल्स स्पष्ट नहीं थे।
M4 कार्बाइन- हल्की और सटीक
M4 कार्बाइन अमेरिकन असॉल्ट राइफल है। इसे हथियारों की कंपनी कोल्ट ने मैन्युफैक्चर किया है। वही कोल्ट जिसके फाउंडर सैमुअल कोल्ट ने फेमस ‘कोल्ट रिवॉल्वर’ बनाई थी। ये हल्के वजन की राइफल है। अगर इसमें 30 गोलियों की मैगज़ीन लगा दें, तो भी इसका वजन 3.4 किलोग्राम से अधिक नहीं जाता। ऐसे में इसे दौड़ते हुए फायर करना भी आसान है। साथ ही, हल्का होने की वजह से स्थिरता मिलती है, जिससे निशाना चूकने की गुंजाइश कम रहती है।