ख़बरिस्तान नेटवर्क : वेनेजुएला की प्रमुख विपक्षी नेता मारिया मचाडो को 2025 का शांति का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। उन्हें यह सम्मान वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण बदलाव लाने के लिए पिछले 20 वर्षों से किए गए अथक संघर्ष के लिए दिया गया है।
लोकतंत्र ही स्थायी शांति की शर्त: नोबेल समिति
नोबेल समिति ने मारिया मचाडो के संघर्ष की सराहना करते हुए कहा कि आज जब दुनिया के कई हिस्सों में तानाशाही बढ़ रही है और लोकतंत्र कमजोर हो रहा है, ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में मारिया मचाडो जैसे लोगों का साहस उम्मीद जगाता है।
समिति ने अपने वक्तव्य में स्पष्ट किया कि “लोकतंत्र ही स्थायी शांति की शर्त है।” जब सत्ता हिंसा और डर के जरिए जनता को दबाने लगती है, तब ऐसे साहसी लोगों को सम्मान देना आवश्यक हो जाता है।
मुफ्त और निष्पक्ष चुनाव की मांग
मारिया मचाडो ने सुमाते नामक संगठन की स्थापना की, जो देश में लोकतंत्र की बेहतरी और निगरानी के लिए काम करता है। वह लगातार वेनेजुएला में मुफ्त और निष्पक्ष चुनावों की मांग करती रही हैं ताकि देश में वास्तविक लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल हो सके।
ट्रम्प की दावेदारी को किया दरकिनार
नोबेल पुरस्कार की घोषणा से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बात यह रही कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प पिछले कई महीनों से इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए अपनी दावेदारी कर रहे थे, लेकिन नोबेल समिति ने उन्हें इस वर्ष के पुरस्कार के लिए नहीं चुना। मारिया मचाडो का चयन दुनिया भर में लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने वालों के लिए एक बड़ी प्रेरणा माना जा रहा है।