ख़बरिस्तान नेटवर्क : पंजाब सरकार ने एक बार फिर शहरों में प्रॉपर्टी के कलेक्टर रेट में वृद्धि कर दी है। सरकार के इस फैसले के बाद अब प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवाना महंगा हो जाएगा। इस वृद्धि का सीधा असर आम लोगों के साथ-साथ प्रॉपर्टी के कारोबारियों पर भी पड़ना तय है।
साल में तीसरी बार बढ़े कलेक्टर रेट
यह इस साल तीसरा मौका है जब पंजाब सरकार ने प्रॉपर्टी के कलेक्टर रेट बढ़ाए हैं। इस बार की वृद्धि बड़े शहरों में 25% से 40% तक की गई है। कलेक्टर रेट में इस भारी बढ़ोतरी से यह स्पष्ट है कि लोगों के लिए अब ज़मीन या मकान खरीदना और महंगा हो जाएगा।
कलेक्टर रेट बढ़ने का सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा। उदाहरण के तौर पर समझिए:
अगर किसी प्लॉट की कीमत कलेक्टर रेट के हिसाब से ₹1 लाख है, तो उसकी रजिस्ट्री करवाने में लगभग 8,000 स्टाम्प और रजिस्ट्री फीस लगती है।
कलेक्टर रेट में 40 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद उसी प्लॉट की कीमत कलेक्टर रेट के हिसाब से 1.40 लाख हो जाएगी।
इस बढ़ी हुई कीमत पर रजिस्ट्री का खर्च अब बढ़कर लगभग 11,200 हो जाएगा।
इसका मतलब है कि प्रति लाख रजिस्ट्री के खर्च में 3,200 का सीधा इजाफा होगा।
कलेक्टर रेट तय करने की प्रक्रिया
प्रॉपर्टी के कलेक्टर रेट फिक्स करने की जिम्मेदारी सब-डिवीज़नल मजिस्ट्रेट (SDM) की होती है। एसडीएम द्वारा तय किए गए इन रेटों को डिप्टी कमिश्नर (DC) को भेजा जाता है। डिप्टी कमिश्नर की सहमति मिलने के बाद ही कलेक्टर रेट जारी किए जाते हैं, और इन्हीं रेटों के अनुसार प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री फीस निर्धारित होती है।
लुधियाना में 50 फीसदी तक रेट बढ़े
प्रशासन की तरफ से जारी सूची के मुताबिक लुधियाना केंद्रीय सब रजिस्ट्रार के अधीन आने वाले गिल इलाके की कई कॉलोनियों में प्रॉपर्टी के कलेक्टर रेट 50 फीसदी तक बढ़ाए गए हैं। गिल के प्रीत नगर और ईशर सिंह नगर में सबसे ज्यादा 50 फीसदी रेट बढ़े हैं।