हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई, जबकि इसका केंद्र धरती से लगभग 10 किलोमीटर गहराई में रहा। झटके महसूस होते ही लोग घबराकर नींद से उठे और घरों से बाहर निकल आए। फिलहाल शिमला और आसपास के क्षेत्रों से किसी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
शिमला जिला भूकंप की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील जोन-5 में आता है, इसलिए यहां समय-समय पर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। शिमला के अलावा कांगड़ा, चंबा, किन्नौर और मंडी के कई इलाके भी उच्च संवेदनशीलता वाले क्षेत्र माने जाते हैं। जम्मू-कश्मीर से सटे चंबा जिले में भी अक्सर भूकंप आने की घटनाएं होती रहती हैं।
करीब दो महीने पहले भी चंबा में दो बार भूकंप के झटके दर्ज किए गए थे। पहली बार भूकंप की गहराई 20 किलोमीटर और दूसरी बार 10 किलोमीटर मापी गई थी।
1905 में भूकंप ने भारी तबाही मचाई
4 अप्रैल 1905 को हिमाचल के कांगड़ा जिले में आए विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। उस समय इसकी तीव्रता 6.6 दर्ज की गई थी। इस आपदा में 20 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और हजारों घर जमींदोज़ हो गए थे। यह भूकंप आज भी हिमाचल के इतिहास की सबसे बड़ी प्राकृतिक त्रासदियों में से एक माना जाता है।