जालंधर के वेस्ट हलके में पारस एस्टेट में 13 वर्षीय मासूम लड़की की निर्मम हत्या के मामले में आरोपी हरमिंदर सिंह उर्फ रिंपी को लेकर पास्टर अंकुर नरूला के हालिया बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। अंकुर नरूला ने अपने बयान में कहा कि उनका काम पापियों को माफी का संदेश देना है और चर्च को उन्होंने ‘स्पिरिचुअल अस्पताल’ बताया। उन्होंने कहा कि बाइबल में लिखा है कि पापियों को यीशु की जरूरत होती है, धर्मियों को नहीं।
परिवार में रोष, कहा – जख्मों पर नमक छिड़का
परिवार ने पास्टर के इस बयान पर गहरा रोष जताया। परिवार ने कहा कि बेटी के साथ हुई बर्बरता और उसकी मौत से पूरे पंजाब और भारत में लोग दुखी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग इस केस को झूठी शोहरत के लिए गलत तरीके से उलझा रहे हैं। परिवार ने कहा कि पास्टर का बयान उनके जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।
साथ ही कहा कि जिस तरह पास्टर अंकुर नरूला ने कहा कि दोषी को माफ कर देना चाहिए। ऐसे में भारत की सभी जेलों में कत्ल और बलात्कार के जो आरोपी बंद है, उन सभी जेलों को ख़ाली करके आरोपियों को वह अपने घर ले जाए। अगर इसके पास इतनी ताकत है तो वह उनके पाप माफ कर दें। परिवार ने कहा कि इनके धर्म में मानसिकता ही ऐसी है और इनका एक पास्टर बलजिंदर खुद रेप केस में जेल में सजा भुगत रहा है उसके पाप क्यों नहीं माफ हुए। परिवार ने कहा इस घटना को लेकर आज तक किसी आदमी ने नहीं कहा कि आरोपी को माफ कर देना चाहिए।
परिवार ने कहा कि यह बयान ऐसा प्रतीत कराता है कि आरोपी उनके ही बंदे थे और इसे लेकर किसी और ने ऐसा नहीं कहा। उन्होंने कहा कि पास्टर को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए था और अगर वह उनके साथ खड़ा नहीं हो सकता, तो ऐसे बयान देने की कोई जरूरत नहीं थी।



