ख़बरिस्तान नेटवर्क : विश्व स्ट्रोक दिवस के मौके पर फोर्टिस हॉस्पिटल जालंधर के न्यूरो इंटरवेंशन स्ट्रोक रेडी सेंटर ने आज एक विशेष जागरूकता सेशन का आयोजन किया। जिसमें स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों को पहचानने और तुरंत मेडिकल मदद लेने के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
इस सेशन में प्रतिभागियों को स्ट्रोक के उपचार के “सुनहरे समय” के बारे में शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया, जब समय पर मेडिकल मदद दिव्यांगता को काफी कम कर सकता है और स्वास्थ्य लाभ के परिणामों में सुधार कर सकता है।
इसी अनुमान के मुताबिक भारत में प्रति एक लाख लोगों पर लगभग 105 से 152 व्यक्ति ब्रेन स्ट्रोक से प्रभावित होते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) और विश्व स्ट्रोक संगठन के अनुसार, स्ट्रोक, इस्केमिक हृदय रोग के बाद दुनिया में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण बना हुआ है।
फोर्टिस अस्पताल जालंधर के न्यूरोसाइंस विभाग के इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. त्रिमान सिंह ने स्ट्रोक केयर में समय पर मेडिकल मदद के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि “ऐसे हालात में हर मिनट मायने रखता है। स्ट्रोक के बाद साढ़े चार घंटे के भीतर मेडिकल केयर मिलना स्थायी क्षति को रोकने और रिकवरी को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक है।
फोर्टिस जालंधर में 24×7 न्यूरो इंटरवेंशन स्ट्रोक रेडी सेंटर इमरजेंसी रिस्पांस, एडवांस्ड न्यूरोइमेजिंग, थ्रोम्बोलिसिस, क्लॉट रिट्रीवल और व्यक्तिगत पुनर्वास सहित इंस्टेंट, कोऑर्डिनेटेड केयर प्रदान करता है। जालंधर की पहली एडवांस्ड स्ट्रोक केयर सुविधा के रूप में, फोर्टिस न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरोसर्जन, इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजिस्ट और रीहैबलीटेशन एक्सपर्ट्स की इंटीग्रेटेड विशेषज्ञता के माध्यम से सटीक निदान से लेकर प्रभावी उपचार और रिकवरी तक व्यापक स्ट्रोक मैनेजमेंट प्रदान करने में पूरे रीजन का नेतृत्व करता है।