बॉलीवुड के दिग्गज हास्य अभिनेता गोवर्धन असरानी का सोमवार दोपहर 1 बजे निधन हो गया। 84 साल के असरानी पिछले चार दिनों से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे। उनके फेफड़ों में पानी भर गया था। वही जानकारी के अनुसार असरानी की अंतिम इच्छा थी थी कि उनके निधन की खबर सार्वजनिक न की जाए। असरानी ने कहा था कि अंतिम संस्कार के बाद ही लोगों को सूचना दी जाए। इसलिए निधन के तुरंत बाद सांताक्रूज के शांतिनगर श्मशान घाट में परिवार के केवल 15–20 सदस्यों की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
अक्षय कुमार हुए भावुक
असरानी के निधन के बाद अभिनेता अक्षय कुमार ने सोशल मीडिया पर उनके साथ अपनी एक अनदेखी तस्वीर साझा करते हुए भावुक श्रद्धांजलि दी। दोनों ने साथ में खट्टा-मीठा, भूल भुलैया और दे दना दन जैसी फिल्मों में काम किया था।
जयपुर से शुरू हुआ अभिनय सफर
चार बहनों और तीन भाइयों में चौथे नंबर पर जन्मे असरानी बचपन से ही अभिनय और आवाज़ की कला के प्रति आकर्षित थे। उन्होंने सेंट जेवियर्स स्कूल, जयपुर से शिक्षा प्राप्त की और राजस्थान कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। पढ़ाई के दौरान वे ऑल इंडिया रेडियो, जयपुर में वॉयस आर्टिस्ट के रूप में काम करते थे।
उनके पिता चाहते थे कि असरानी सरकारी नौकरी करें, लेकिन असरानी का सपना था फिल्मों में नाम कमाना। अपने रंगकर्मी दोस्तों की मदद से उन्होंने दो नाटक — जूलियस सीज़र और अब के मोय उबारो — किए, जिनसे मिली कमाई से असरानी मुंबई पहुंचे।
पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट से लिया अभिनय प्रशिक्षण
1963 में निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी की सलाह पर असरानी ने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII), पुणे में अभिनय की पढ़ाई शुरू की और 1966 में कोर्स पूरा किया। 1967 में उन्होंने एक गुजराती फिल्म से करियर की शुरुआत की।
शोले से मिली पहचान
फिल्म शोले में अंग्रेजों के ज़माने के जेलर की भूमिका ने असरानी को अमर कर दिया। उनकी कॉमिक टाइमिंग और संवाद आज भी लोगों की जुबां पर हैं।
400 से अधिक फिल्मों में काम किया
गोवर्धन असरानी ने अपने जीवन में 400 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया और भारतीय सिनेमा में हास्य का एक नया आयाम स्थापित किया। उनके जाने से फिल्म जगत में एक युग का अंत हो गया है।