जम्मू-कश्मीर में आतंकी घुसपैठ की बढ़ती आशंकाओं के बीच सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ा कदम उठाया है। सेना, बीएसएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से सीमावर्ती इलाकों में व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। यह अभियान बॉर्डर एरिया के 80 से अधिक गांवों में चलाया जा रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, खुफिया एजेंसियों से इनपुट मिले थे कि आतंकी संगठन घने कोहरे, कड़ाके की ठंड और दुर्गम इलाकों का फायदा उठाकर घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा बलों ने सर्चिंग और निगरानी तेज कर दी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह अभियान रविवार को उस समय और तेज कर दिया गया जब मजालता के जंगलों में दो आतंकियों के एक घर से खाना लेकर जंगल की ओर भागने की सूचना मिली। बताया गया कि आतंकी शाम करीब 6:30 बजे चोरे मोतु गांव में मंगतु राम के घर पहुंचे थे।
इन इलाकों में जारी है तलाशी अभियान
जम्मू, सांबा, कठुआ और राजौरी जैसे संवेदनशील सीमावर्ती जिलों में जवान घर-घर तलाशी ले रहे हैं। सांबा जिले के बाबर नाला, पालोरा, त्रेयाल, मनसर और चिल्ला डांगा क्षेत्रों में सघन सर्चिंग की जा रही है। अखनूर सेक्टर के प्रगवाल और आसपास के गांवों में भी सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।
जम्मू जिले के पंसर, मनियारी, पहाड़पुर, तप्पन, मरीड़, तरनाह नाला, बैन नाला और किशनपुर कांडी सहित कई गांवों में तलाशी अभियान जारी है। वहीं श्रीनगर के अमीराकदल और महाराजा बाजार जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में स्निफर डॉग और मेटल डिटेक्टर की मदद से हथियार, विस्फोटक और गोला-बारूद की तलाश की जा रही है। राजौरी के थानामंडी और मंजाकोट क्षेत्रों में भी व्यापक ऑपरेशन चल रहा है।
गणतंत्र दिवस से पहले लाल चौक पर कड़ी सुरक्षा
गणतंत्र दिवस को देखते हुए श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम के आसपास एंटी-सैबोटेज चेकिंग की गई। इसके साथ ही लाल चौक स्थित क्लॉक टावर समेत आसपास के इलाकों में भी सघन तलाशी ली गई, जो गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस समारोहों का प्रमुख स्थल है।
बीएसएफ का दावा -72 आतंकी लॉन्च पैड फिर सक्रिय
बीते महीने बीएसएफ अधिकारियों ने दावा किया था कि भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद नुकसान झेलने के बावजूद पाकिस्तान ने जम्मू क्षेत्र के सामने करीब 72 आतंकी लॉन्च पैड दोबारा सक्रिय कर दिए हैं। इनमें से 12 लॉन्च पैड अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सियालकोट और जफरवाल सेक्टर में, जबकि करीब 60 लॉन्च पैड एलओसी के पास बताए गए हैं। इसके बाद से सीमा पर निगरानी और कड़ी कर दी गई है।
जम्मू क्यों बन रहा है घुसपैठ का नया रास्ता
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, कश्मीर घाटी में घुसपैठ के ज्यादातर मार्ग बाड़बंदी और आधुनिक निगरानी सिस्टम के कारण बंद हो चुके हैं। ऐसे में आतंकी संगठन जम्मू क्षेत्र को वैकल्पिक रास्ते के तौर पर इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। जम्मू सीमा के कुछ हिस्से बिना बाड़ के हैं और भौगोलिक रूप से संवेदनशील माने जाते हैं, जिस कारण यहां सुरक्षा बलों की सतर्कता और बढ़ा दी गई है।



