ख़बरिस्तान नेटवर्क : नए साल का आगाज होने से पहले उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों काशी, मथुरा और अयोध्या में आस्था का अभूतपूर्व सैलाब उमड़ पड़ा है। अयोध्या में प्रभु रामलला के दर्शन हों या काशी में बाबा विश्वनाथ की पूजा, भक्तों का उत्साह इस कदर है कि दो-दो किलोमीटर लंबी कतारें देखी जा रही हैं।
वृंदावन की गलियों में स्थिति महाकुंभ जैसी नजर आ रही है, जहां तिल रखने की भी जगह शेष नहीं है। इसी भारी भीड़ और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन ने एक बड़ा कदम उठाया है। प्रबंधन ने श्रद्धालुओं से 29 दिसंबर से 5 जनवरी तक वृंदावन न आने की विशेष अपील की है ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था या अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
अयोध्या और काशी में दर्शन के लिए मीलों लंबी कतारें
धार्मिक नगरी अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है और वर्तमान में करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु राम मंदिर और हनुमानगढ़ी के दर्शन के लिए परिसर के आसपास मौजूद हैं। बड़ी संख्या में लोग दर्शन के पश्चात सरयू तट पर एकत्रित हो रहे हैं, जहां का नजारा पूरी तरह भक्तिमय बना हुआ है।
दर्शन करने आ रहे लोगों का कहना है कि राम मंदिर में दर्शन का अनुभव अत्यंत दिव्य और आध्यात्मिक शांति प्रदान करने वाला है। वहीं काशी विश्वनाथ धाम में बाबा के दर्शन के लिए करीब तीन लाख लोग पहुंचे हैं, जिसके कारण शहर की सड़कों से लेकर मंदिर के गलियारों तक केवल भक्तों का ही रेला दिखाई दे रहा है।
वृंदावन में उमड़ी भीड़ और मंदिर प्रबंधन की सलाह
ब्रज क्षेत्र के वृंदावन में लगभग दो लाख श्रद्धालुओं की मौजूदगी ने वहां के प्रशासनिक इंतजामों की कड़ी परीक्षा ले ली है। केवल वृंदावन ही नहीं, बल्कि गिरिराज, नंदगांव, बरसाना और मथुरा के अन्य धार्मिक स्थलों पर भी भारी भीड़ जुटी हुई है।
बांके बिहारी मंदिर के आसपास पैर रखने की जगह न होने के कारण प्रबंधन ने बाहरी शहरों से आने वाले भक्तों से कुछ दिनों के लिए अपना प्रवास टालने का विनम्र आग्रह किया है। प्रशासन का अनुमान है कि नए साल के पहले सप्ताह तक यह दबाव इसी तरह बना रहेगा, इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से भक्तों को बहुत अधिक भीड़ वाले समय में आने से बचना चाहिए।
आध्यात्मिक शांति और पर्यटन में ऐतिहासिक उछाल
तीर्थयात्रियों की इस भारी आमद ने उत्तर प्रदेश के धार्मिक पर्यटन को एक नए शिखर पर पहुंचा दिया है। नमामि सरयू सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष राजा महाराज के अनुसार सरयू तट पर शाम की आरती में भीड़ तेजी से बढ़ रही है और आने वाले दिनों में इस संख्या के और अधिक बढ़ने के पूरे आसार हैं।
उन्होंने बताया कि महाकुंभ के बाद बीते 15 दिनों से अयोध्या में पर्यटन और धार्मिक गतिविधियों में जो सक्रियता देखी गई है, वह अद्भुत है। लोग नए साल की शुरुआत ईश्वर के आशीर्वाद के साथ करना चाहते हैं, यही कारण है कि रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन के बाद बड़ी संख्या में लोग सरयू आरती में शामिल हो रहे हैं।