ख़बरिस्तान नेटवर्क : जालंधर के फिल्लौर में एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठे हैं। नाबालिग लड़की के साथ हुए यौन शोषण के एक संवेदनशील मामले में, थाना फिल्लौर के एसएचओ भूषण कुमार पर पीड़िता की मां के साथ अश्लील हरकतें करने और दबाव बनाने का संगीन आरोप लगा है। आरोपों के सामने आने के बाद एसएचओ को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है।
जांच के बहाने पीड़िता से छेड़छाड़ और मां पर दबाव
पीड़िता की मां के अनुसार, यह घटना तब शुरू हुई जब 23-24 अगस्त की रात उनकी बेटी (मीना, काल्पनिक नाम) के साथ पड़ोसी लड़के रोशन ने यौन शोषण किया। परिवार शिकायत दर्ज कराने थाना फिल्लौर पहुँचा। पीड़िता की मां का आरोप है कि थाने के भीतर एसएचओ भूषण कुमार ने जांच के बहाने नाबालिग लड़की के गुप्त अंगों को बार-बार छुआ।
विरोध करने पर लड़की को तो छोड़ दिया गया, लेकिन इसके बाद एसएचओ ने पीड़िता की मां की छाती को छुआ और कहा कि अगर मामले में लड़के को सख्त सजा दिलवानी है, तो उन्हें एसएचओ के अनुसार चलना पड़ेगा।
पीड़िता की मां पर घर आने का दबाव बनाया
इतना ही नहीं, एसएचओ भूषण कुमार पर यह भी आरोप है कि उन्होंने पीड़िता की मां से कहा कि वह “खुद चेक करके बता देंगे कि तेरी बेटी के साथ रेप हुआ है या नहीं।” एसएचओ ने पीड़िता की मां को बार-बार अपने सरकारी आवास पर बुलाने के लिए दबाव बनाया और कई बार फोन किए, जिसकी रिकॉर्डिंग परिवार के पास मौजूद है। बार-बार मिल रही कॉल से परेशान होकर मां ने अपने पति को पूरी बात बताई, जिसके बाद यह परिवार एसएचओ के खिलाफ सामने आया।
लोक इंसाफ़ मंच ने उठाया मामला
इस पूरे मामले को लेकर बुधवार को लोक इंसाफ़ मंच पंजाब ने फिल्लौर में विरोध प्रदर्शन किया। मंच के अध्यक्ष जरनैल फिल्लौर ने आरोप लगाया कि थाना मुखी ने वर्दी को दाग़दार किया है और “जब रक्षा करने वाले ही राक्षस का रूप धारण कर लें तो इंसाफ़ कौन करेगा। परिवार ने बताया कि पूर्व सरपंच राज कुमार हंस और लोग इंसाफ़ मंच के नेताओं के हस्तक्षेप के बाद ही अब जाकर एफआईआर दर्ज हुई है, अन्यथा शायद यह भी न होती।
उच्च स्तरीय कार्रवाई की मांग
पीड़िता की मां ने मुख्यमंत्री भगवंत मान और डीजीपी गौरव यादव को पत्र लिखकर इंसाफ़ की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि उन्हें और उनकी बेटी को इंसाफ़ मिलना चाहिए और इस थाना मुखी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि भूषण कुमार के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की गई तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।