ब्रिटेन सरकार ने वर्क वीजा नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब विदेशी छात्र ग्रेजुएशन के बाद देश में नौकरी की तलाश के लिए केवल 18 महीने तक रह सकेंगे। पहले यह अवधि दो साल थी। नया नियम 1 जनवरी 2026 से लागू होगा।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह नियम उन छात्रों पर लागू नहीं होगा, जो इसके लागू होने से पहले पोस्ट-स्टडी वर्क राइट्स के लिए आवेदन कर चुके होंगे।
भारतीय छात्र सबसे ज्यादा प्रभावित
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, इस फैसले से सबसे अधिक असर भारतीय छात्रों पर पड़ेगा। 2023 के वर्क वीजा आंकड़ों के मुताबिक, यूके में पढ़ने और वहीं नौकरी करने की इच्छा रखने वाले छात्रों में भारतीयों की संख्या सबसे अधिक थी।
खर्च भी बढ़ेगा
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, पढ़ाई के बाद नौकरी खोजने के दौरान रहने का खर्च भी बढ़ा दिया गया है। अब लंदन से बाहर नौ महीने रहने के लिए आवश्यक राशि 1,136 पाउंड से बढ़ाकर 1,171 पाउंड कर दी गई है।
गृह मंत्रालय ने की पुष्टि
ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने पुष्टि की है कि “ग्रेजुएट रूट” वर्क वीजा नियमों में संशोधन के तहत छात्रों के प्रवास की अवधि घटाई जा रही है। अब योग्य कोर्स पूरा करने वाले ग्रेजुएट छात्रों को केवल 18 महीने तक ही देश में रहने की अनुमति होगी।
हालांकि, पीएचडी और डॉक्टरेट छात्रों को पहले की तरह तीन साल का प्रवास समय मिलेगा। वहीं जो छात्र 31 दिसंबर 2026 तक ग्रेजुएट वीजा के लिए आवेदन करेंगे, उन्हें अभी भी दो साल की वैधता का लाभ मिलेगा।