पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने राज्य में अवैध रूप से चल रहे मॉडिफाइड वाहनों के खिलाफ अदालती आदेशों का पालन न करने पर पंजाब के चार वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। अदालत ने पंजाब के डीजीपी गौरव यादव समेत चार अधिकारियों पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह राशि अधिकारियों के निजी वेतन से वसूल कर पंजाब के मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा की जाएगी।
चार अधिकारियों पर 2 लाख रुपये का जुर्माना
बता दे कि जिन अधिकारियों पर जुर्माना लगाया गया है उनमें डीजीपी गौरव यादव, परिवहन विभाग के सचिव प्रदीप कुमार (आईएएस), राज्य परिवहन आयुक्त मनीष कुमार (आईएएस) और संगरूर के उपायुक्त जितेंद्र जोरवाल (आईएएस) शामिल हैं। 2 लाख रुपये का यह जुर्माना पहले लगाए गए 1 लाख रुपये के जुर्माने से अलग होगा। अदालत ने कहा कि अधिकारियों का रवैया न्यायिक आदेशों के ‘लगातार और जानबूझकर उल्लंघन’ को दर्शाता है।
अगली सुनवाई 27 नवंबर को
उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि चारों अधिकारियों के वेतन से समान राशि (प्रत्येक के लिए ₹50,000) काटकर ₹2 लाख का जुर्माना जमा किया जाए। पहले जमा की गई ₹1 लाख की राशि भी जल्द से जल्द जमा की जाए और अनुपालन हलफनामा दायर किया जाए। मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।