ख़बरिस्तान नेटवर्क : अवैध तरीके से (डंकी रूट) के माध्यम से अमेरिका पहुंचने की कोशिश करने वाले हरियाणा के 54 युवाओं को शनिवार देर रात अमेरिका ने डिपोर्ट कर भारत भेज दिया। इन सभी युवाओं को एक विशेष विमान से दिल्ली एयरपोर्ट पर लाया गया, जहां उन्हें आधिकारिक प्रक्रिया के तहत बेड़ियों में बांधकर भारतीय इमिग्रेशन अधिकारियों को सौंपा गया। डिपोर्ट किए गए 54 युवाओं में से सबसे अधिक संख्या हरियाणा के करनाल और कैथल जिले से है।
हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किए अपराधी
दिल्ली एयरपोर्ट पर हरियाणा पुलिस की विशेष टीमें पहले से मौजूद थीं। पुलिस ने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले युवाओं को मौके पर ही हिरासत में ले लिया। इनमें सबसे बड़ा मामला कैथल के गांव तितरम निवासी लखविंद्र उर्फ लाखा का है, जिसे हरियाणा एसटीएफ की अंबाला यूनिट ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया।
बिश्नोई गैंग का सदस्य गिरफ्तार


लाखा गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और अनमोल बिश्नोई गिरोह का सक्रिय सदस्य है। वह 2022 से अमेरिका में बैठकर हरियाणा और पंजाब के व्यापारियों से फिरौती मांगने के नेटवर्क का संचालन कर रहा था। उस पर कैथल समेत अन्य जिलों में भी फिरौती मांगने के कई मामले दर्ज हैं। डिपोर्ट किए गए युवाओं में दूसरे मोस्ट वांटेड सुनली सरधानिया का नाम भी शामिल है।
कर्ज और जमीन बेचकर भरा था सफर का खर्च
डिपोर्ट हुए ज्यादातर युवा वे हैं जिन्होंने “डंकी रूट” के खतरनाक रास्ते से अमेरिका पहुंचने का कोशिश की थी। विदेश जाने के लिए इन युवाओं ने अपने परिवार की जमीन और गहने बेच दिए थे, या भारी ब्याज पर कर्ज लिया था।
पर अमेरिका पहुंचने पर इन्हें सीमा सुरक्षा बलों ने पकड़ लिया और महीनों तक अमेरिकी जेलों और डिटेंशन कैंपों में रखा गया। इन युवाओं में से अधिकांश ने 2024 और 2025 में यह अवैध सफर शुरू किया था। बाकी युवाओं को जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद उनके गृह जिलों में भेज दिया गया है।