आंध्र प्रदेश में एक दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां सुबह सुबह कुरनूल ज़िले में एक निजी यात्री लग्जरी बस में आग लग गई है। इस घटना में कई लोगों के जिंदा जल जाने की खबर है। यह दुर्घटना हैदराबाद-बेंगलुरु राजमार्ग पर चिन्ना टेकुरु गांव के पास हुई। हादसे के वक्त बस में 40 यात्री सवार थे। कई का इलाज जारी है। प्रशासन ने बताया कि 20 लोगों की अब तक मौत हुई है, उनमें से 12 शवों की पहचान कर ली गई है।
शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार यह बस प्राइवेट ट्रैवल्स कंपनी कावेरी की है। बस एक मोटरसाइकिल से टकरा गई, जिसके बाद भीषण आग लग गई जिसने कुछ ही मिनटों में वाहन को अपनी चपेट में ले लिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग इतनी तेज़ी से फैली कि ज़्यादातर यात्री कुछ समझ पाते, उससे पहले ही बस में फंस गए। बारह लोग किसी तरह बच निकलने में कामयाब रहे, जिनमें से कुछ झुलस गए।
सीएम ने जताया शोक
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और ज़िला अधिकारियों को जीवित बचे लोगों के लिए राहत उपाय और चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह एक बेहद दुखद घटना है। उन्होंने आगे कहा कि कारणों और यदि कोई चूक हुई है, तो उसका पता लगाने के लिए जांच की जाएगी।
कलेक्टर ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर्स
हादसे के बाद कुरनूल जिला कलेक्टर डॉ. ए सिरी घटनास्थल पर पहुंचीं, उन्होंने बताया कि बस हादसे के पीड़ितों की मदद और परिवार के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। इनमें कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम 08518-277305, सरकारी अस्पताल कुरनूल 9121101059, स्पॉट कंट्रोल रूम 9121101061, कुरनूल पुलिस कंट्रोल रूम 9121101075, जीजीएच हेल्प डेस्क के 9494609814, 9052951010 नंबरों पर फोन लगाकर जानकारी ले सकते हैं।
पीएम मोदी ने भी दुख जताया
वही इस हादसे पर पीएम मोदी ने भी दुख जताया। उन्होंने एक्स पर लिखा कि कुर्नूल का हादसा दुखद है। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवार के साथ है। उन्होंने पीएम रिलीफ फंड से मृतकों के परिवार के लिए ₹2 लाख का और घायलों के लिए ₹50000 दिए जाने का ऐलान किया।
इससे पहले राजस्थान में हुआ था हादसा
ऐसा ही एक हादसा राजस्थान के जैसलमेर में जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर 14 अक्टूबर को हुआ था । जब चलती एसी स्लीपर बस में आग लग गई थी। इस हादसे में भी 22 यात्रियों की जिंदा जलने से मौत हो गई थी।आग लगने से बस का गेट लॉक हो गया था, ऐसे में लोगों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला।