भारत की महिला क्रिकेट टीम ने 47 साल के लंबे इंतजार को खत्म करते हुए इतिहास रच दिया है। टीम इंडिया ने रविवार को फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार विमेंस वनडे वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया।
फाइनल में साउथ अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी
डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए फाइनल में साउथ अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी। भारत ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट पर 298 रन बनाए। शेफाली वर्मा ने 87 रन की दमदार पारी खेली, जबकि दीप्ति शर्मा ने 58, स्मृति मंधाना ने 45 और ऋचा घोष ने 34 रन जोड़े। साउथ अफ्रीका की ओर से आयाबोंगा खाका ने 3 विकेट लिए।

अफ्रीका की टीम 246 रन पर ऑलआउट
लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका की टीम 246 रन पर ऑलआउट हो गई। कप्तान लौरा वोल्वार्ट ने लगातार दूसरा शतक जमाया, लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सकीं। भारत की पार्ट टाइम ऑफ स्पिनर शेफाली वर्मा ने दो अहम विकेट झटके, जबकि दीप्ति शर्मा ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट लेकर मैच का रुख पलट दिया।
शेफाली को उनकी ऑलराउंड परफॉर्मेंस के लिए प्लेयर ऑफ द फाइनल, जबकि दीप्ति शर्मा को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। आखिरी विकेट गिरते ही कप्तान हरमनप्रीत कौर और पूरी टीम खुशी से झूम उठी।
यह जीत भारतीय महिला टीम की किसी भी फॉर्मेट में पहली ICC ट्रॉफी है। भारत ने 2005 और 2017 में भी फाइनल तक का सफर तय किया था, लेकिन खिताब जीतने से चूक गया था। इस बार टीम ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराने के बाद फाइनल में साउथ अफ्रीका को शिकस्त दी।
विमेंस वनडे वर्ल्ड कप की शुरुआत 1973 में हुई
विमेंस वनडे वर्ल्ड कप की शुरुआत 1973 में हुई थी। भारत ने 1978 में पहली बार इसमें हिस्सा लिया था। 47 साल बाद भारत को पहली बार खिताब मिला है। इस जीत के साथ भारत 25 साल बाद नया चैंपियन बनने वाली टीम बन गई। 2000 में न्यूजीलैंड ने आखिरी बार यह ट्रॉफी जीती थी। उससे पहले सिर्फ ऑस्ट्रेलिया (7 बार) और इंग्लैंड (4 बार) ही चैंपियन बन पाए थे।