ख़बरिस्तान नेटवर्क : जालंधर वेस्ट हलके के पारस एस्टेट में 13 वर्षीय मासूम बच्ची की निर्मम हत्या के मामले में आरोपी हरमिंदर सिंह उर्फ रिंपी को अदालत ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। इस संवेदनशील मामले के बीच पास्टर अंकुर नरूला का बयान सामने आया है, जिसने सियासी और सामाजिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है।
धर्म अपनाने को लेकर वायरल वीडियो पर सफाई
इस केस से जुड़ा पास्टर अंकुर नरूला का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह आरोपी को लेकर धर्म और माफी की बात करते नजर आए। वीडियो में अंकुर नरूला कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति पाप कर बैठता है और उसके अपने ही धर्म के लोग उससे दूरी बना लेते हैं, तो चर्च का काम ऐसे व्यक्ति को माफी और सुधार का संदेश देना है। यीशु मसीह पापियों के लिए क्रूस पर चढ़े थे और चर्च एक आध्यात्मिक अस्पताल की तरह है, जहां गलत राह पर चलने वालों को सही दिशा दिखाई जाती है।
मेरा काम अपराधियों को बचाना नहीं
मीडिया से बातचीत में पास्टर अंकुर नरूला ने स्पष्ट किया कि उनका काम अपराधियों को बचाना नहीं, बल्कि उन्हें आध्यात्मिक रूप से जागरूक करना है। बाइबल में लिखा है कि धर्मी लोगों को नहीं, बल्कि पापियों को यीशु की जरूरत होती है। उनके मुताबिक, गलत रास्ते पर चलने वाले लोगों के पीछे नकारात्मक शक्तियां हावी हो जाती हैं और उन्हें सही मार्ग दिखाना ही चर्च का उद्देश्य है।
अपने अतीत को लेकर किया खुलासा
अंकुर नरूला ने यह भी स्वीकार किया कि अपने जीवन के शुरुआती दौर में वह खुद नशे और गलत आदतों में फंसे हुए थे और धर्म के विरोधी भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर जीवन में बदलाव नहीं आता, तो शायद वह भी अपराध की दुनिया में ही रह जाते। इसी अनुभव के कारण वह आज गलत राह पर चल रहे लोगों को सुधार का संदेश देते हैं।
सजा और माफी पर दिया बयान
पास्टर ने साफ कहा कि आध्यात्मिक माफी का मतलब यह नहीं कि आरोपी को कानूनी सजा नहीं मिलेगी। उन्होंने माना कि आरोपी को कानून के तहत सख्त सजा मिल सकती है, यहां तक कि फांसी भी हो सकती है। उनके अनुसार, सजा कानून देगा, जबकि माफी आध्यात्मिक स्तर पर होती है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति सच्चे मन से माफी मांगता है, तो ईश्वर उसे आध्यात्मिक रूप से स्वीकार कर सकता है।
धर्म परिवर्तन के आरोपों पर जवाब
लाखों रुपए लेकर धर्म परिवर्तन कराने के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए अंकुर नरूला ने कहा कि ऐसे दावे करने वालों को सबूत पेश करने चाहिए। उनका कहना है कि अब तक कोई भी यह साबित नहीं कर पाया है कि उनके संगठन द्वारा पैसे लेकर धर्म परिवर्तन कराया गया हो।