धान की कटाई खत्म होते ही पंजाब में पराली जलाने के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। बुधवार को इस सीजन में एक ही दिन में सबसे ज्यादा 1200 से अधिक मामले दर्ज किए गए। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए राज्य सरकार ने इस पर सख्ती दिखाते हुए 402 नोडल अफसरों को नोटिस जारी किए हैं। उनसे पूछा गया है कि उनके क्षेत्रों में आगजनी की घटनाएं क्यों नहीं रोकी जा सकीं। दो सप्ताह में जवाब न देने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, 15 सितंबर से 29 अक्टूबर तक कुल 1216 पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं। इनमें बुधवार को अकेले 283 नए मामले दर्ज किए गए, जो इस सीजन का अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है।
संगरूर जिला सबसे आगे
बीते 24 घंटों में सबसे ज्यादा मामले मुख्यमंत्री भगवंत मान के जिले संगरूर (79) में मिले। इसके अलावा तरनतारन में 43, फिरोजपुर में 32, पटियाला में 25, बठिंडा में 19 और मानसा में 16 मामले दर्ज हुए। जिसके पहले कुल मामलों में तरनतारन (296), अमृतसर (173) और संगरूर (170) शीर्ष पर हैं।
किसानों पर सख्त कार्रवाई शुरू
सरकार ने अब तक 331 किसानों पर एफआईआर और 443 किसानों पर करीब 23 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। पर्यावरण विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में अगर पराली जलाने की घटनाएं नहीं थमीं, तो और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जालंधर में भी केस दर्ज
जालंधर के मेहतपुर और लोहियां पुलिस थानों में भी दो किसानों के खिलाफ पराली जलाने के केस दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि सैटेलाइट सबूतों के आधार पर कार्रवाई की गई है। जिले में अब तक 26 मामलों में से 6 पर कार्रवाई की जा चुकी है।
कटाई में देरी बनी वजह
इस साल मौसम में देरी के कारण धान की कटाई देर से शुरू हुई, जिससे पराली जलाने के मामले अब तेजी से बढ़ने की संभावना है। यह समस्या हर साल राज्य में वायु गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करती है। इसके साथ ही 2 और नए मामले भी सामने आए है।