ख़बरिस्तान नेटवर्क : पंजाब यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के आगे केंद्र सरकार झुक गई है और उसने उसने सीनेट-सिंडिकेट भंग करने के फैसले को वापिस ले लिया है। स्टूडेंट्स और नेता केंद्र सरकार के फैसले का पिछले कई दिनों से विरोध कर रहे थे, जिसके बाद नोटिफिकेशन रद्द कर दिया गया है।
पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट जाने की कही थी बात
इस मामले पर आज ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पोस्ट शेयर कर हाईकोर्ट जाने की बात कही थी। सीएम ने कहा था कि पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की सीनेट और सिंडिकेट को असंवैधानिक रूप से भंग करने और नोटिफिकेशन जारी करने के खिलाफ पंजाब सरकार हाईकोर्ट जाएगी।
हम देश के प्रतिष्ठित और विशेषज्ञ वकीलों का एक पैनल बनाकर इस अत्याचार का डटकर मुकाबला करेंगे। आने वाले दिनों में इस मुद्दे को विधानसभा में भी लाया जाएगा ताकि पंजाब की स्थिति विधायी रूप से मजबूत हो सके।
स्टूडेंट के मोर्चे ने बंद का किया था ऐलान
पीयू में सीनेट और सिंडिकेट भंग करने के खिलाफ यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा बनाया गया था। इसमें अलग अलग स्टूडेंट्स यूनियन के नेताओं को शामिल किया गया था। पंजाब यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर ऑफिस के सामने लगातार धरना प्रदर्शन भी चल रहा था। मोर्चा की तरफ से 10 नवंबर को यूनिवर्सिटी बंद करने का ऐलान किया था।