जालंधर में 13 साल की बच्ची की हत्या के मामले में पुलिस की कार्रवाई पर नए सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि पुलिस ने आरोपी ASI मंगत राम को बर्खास्त कर दिया है और दो PCR कर्मियों को सस्पेंड किया गया है, लेकिन परिवार अभी भी कार्रवाई को अधूरी बता रहा है।परिवार का आरोप है कि शव आरोपी के घर से बरामद होने के दौरान चार पुलिस कर्मियों ने लापरवाही की थी, मगर कार्रवाई सिर्फ तीन पर ही की गई। एक पुलिसकर्मी के खिलाफ अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।

एसीपी और एसएचओ पर धमकाने के गंभीर आरोप
पीड़ित बच्ची की मां ने अब वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायत में उन्होंने एसीपी (डीएसपी) गगनदीप सिंह और थाना रामामंडी के एसएचओ मनजिंदर सिंह पर धमकाने और अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया है।मां के अनुसार, दोनों अधिकारियों ने चेतावनी दी कि अगर ASI मंगत राम और उसकी टीम के खिलाफ कार्रवाई की कोशिश की गई, तो परिवार के सरकारी नौकरी करने वाले सदस्य को नुकसान पहुंचाया जा सकता है।
मां ने यह भी कहा कि दोनों अधिकारी उनकी बेटी की मौत का मजाक उड़ाते रहे और उन्हें आज भी इन पुलिसकर्मियों से खतरा महसूस हो रहा है।
हंसते पुलिसकर्मियों की वीडियो भी हुई वायरल
घटना के समय पुलिस कर्मियों के मुस्कुराने और हंसने का एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में महिलाएं पुलिस की कार्रवाई का विरोध कर रही थीं, जबकि कुछ अधिकारी गंभीर हालात में भी हंसते दिखाई दिए।
शिकायत CP, राज्यपाल और DGP को भेजी गई
पीड़ित मां ने यह शिकायत पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर को सौंपी है, जिसकी पुष्टि CP ने खुद की है। शिकायत की कॉपी राज्यपाल और DGP को भी भेजी गई है। CP धनप्रीत कौर ने जांच की जिम्मेदारी ADCP सिटी-2 हरिंदर सिंह गिल को सौंप दी है।
मां का कहना है कि परिवार को पहले भी और बाद में भी लगातार डराया-धमकाया गया। उन्हें डर है कि संबंधित अधिकारियों के रहते केस को नुकसान पहुंचाया जा सकता है। परिवार ने सभी आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और सुरक्षा की मांग की है।
अधिकारियों ने आरोपों से किया इंकार
एसीपी गगनदीप सिंह ने कहा कि परिवार के साथ उनकी पूरी हमदर्दी है और उन्होंने कोई धमकी नहीं दी।एसएचओ मनजिंदर सिंह का भी कहना है कि उन्होंने केवल FIR दर्ज करने की प्रक्रिया समझाई थी। पुलिस आरोपी को सख्त सजा दिलवाने के लिए गहराई से जांच कर रही है।



