ख़बरिस्तान नेटवर्क : जालंधर के भार्गव कैंप थाना में उस समय बवाल मच गया, जब टाहली वाले चौक पर एक शिवसेना नेता की चेयरमैन महिला और लक्खो के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक हुई, जिसके बाद मामला सीधे थाना भार्गव कैंप तक पहुंच गया।
थाने के अंदर महिलाओं में हाथापाई, पुलिस के सामने चले थप्पड़
थाने के भीतर हालात उस समय बिगड़ गए, जब दोनों पक्षों की महिलाओं के बीच जमकर हाथापाई हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, महिलाओं ने एक-दूसरे को धक्के मारे और पुलिस कर्मियों के सामने ही थप्पड़ चल गए। अचानक हुए इस घटनाक्रम से थाने में अफरा-तफरी मच गई और बाहर भी माहौल तनावपूर्ण हो गया।
हालात बिगड़ने पर थाने के गेट किए गए बंद
स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने थाना परिसर के गेट बंद कर दिए। इसी दौरान लक्खोवाल की मां ने आरोप लगाया कि बंटी की पत्नी और शिवसेना नेत्री ने एक महिला को थप्पड़ मारा। वहीं कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस की मौजूदगी में महिलाओं को आगे कर धक्केशाही की गई।
तस्वीरें सामने आने के बावजूद पुलिस ने किया इनकार
घटना की तस्वीरें कैमरे में कैद हो गईं, इसके बावजूद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी थाने में हाथापाई होने से इनकार करते नजर आए। जांच अधिकारी ने भी बयान देने से बचते हुए कहा कि केवल शिकायतकर्ता से जुड़े दो लोग ही थाने के अंदर आए थे, जबकि बाकी सभी को बाहर भेज दिया गया।
पुलिस कार्रवाई पर सवाल, मोहल्ला निवासियों ने लगाए आरोप
मोहल्ला निवासियों का आरोप है कि पुलिस बंटी की पत्नी को थाने के अंदर ले गई, जबकि उनके पक्ष के लोगों को बाहर खड़ा कर दिया गया। लक्खोवाल की मां ने कहा कि उनके समर्थन में पूरा मोहल्ला थाने पहुंचा था, इसके बावजूद उनके साथ भेदभाव किया गया। लोगों ने सवाल उठाया कि आखिर किसके इशारे पर थाने के अंदर महिलाओं के साथ हाथापाई हुई।
एक-दूसरे पर गंभीर आरोप, पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
इस पूरे विवाद में एक पक्ष ने लक्खो पर नशा तस्करी के आरोप लगाए हैं, जबकि लक्खोवाल ने महिला पर छेड़छाड़ कर लोगों से समझौता कराने के आरोप लगाए हैं। थाने के भीतर महिलाओं में हाथापाई की घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि पुलिस इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करती है।



