ख़बरिस्तान नेटवर्क : तरनतारन उपचुनाव जीतने के बाद हरमीत सिंह संधू ने आज विधायक के तौर पर शपथ ली। उन्हें पंजाब विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने पद की शपथ दिलाई। हरमीत सिंह संधू चौथी बार विधायक बने हैं। चंडीगढ़ में हुए शपथ ग्रहण समारोह के साथ आम आदमी पार्टी के कई नेता मौजूद रहे। इस दौरान सीएम भगवंत मान ने हरमीत संधू को विधायक बनने की बधाई दी।
अकाली दल छोड़कर ‘AAP’ में शामिल हुए थे
उनके पॉलिटिकल बैकग्राउंड की बात करें तो हरमीत सिंह संधू चुनाव से कुछ महीने पहले शिरोमणि अकाली दल छोड़कर ‘AAP’ में शामिल हुए थे। पार्टी ने उन्हें स्वर्गीय MLA कश्मीर सिंह सोहल की मौत की वजह से खाली हुई इस अहम सीट से अपना कैंडिडेट घोषित किया था, जिस पर हरमीत संधू पूरी मजबूती से उतरे और लोगों ने उन्हें बड़े अंतर से जिताया।
12 हजार वोटों के अंतर से जीते
उपचुनाव के नतीजों में संधू ने शिरोमणि अकाली दल की कैंडिडेट सुखविंदर कौर को 12,091 वोटों के अंतर से हराया। भले ही आप ने यह सीट बचा ली है, लेकिन पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस उपचुनाव में अकाली दल का परफॉर्मेंस पिछले सालों के मुकाबले बेहतर रहा है, जिसे पंजाब की पॉलिटिक्स में पार्टी की वापसी के तौर पर देखा जा रहा है।
जानें कैसा रहा है राजनीतिक सफर
हरमीत सिंह संधू का राजनीतिक सफर 1997 में प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली अकाली-भाजपा सरकार के दौरान शुरू हुआ था। 2002 के चुनाव में जब अकाली दल ने उन्हें टिकट नहीं दिया, तो उन्होंने इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ा और बड़ी जीत हासिल की।
वहीं, इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के तौर पर जीतने के बाद भी उन्होंने उस समय के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की लीडरशिप वाली कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से मना कर दिया और अकाली दल में शामिल होना पसंद किया, जिससे वे बादल परिवार के करीब आने में कामयाब हो गए।