जालंधर में करीब 4.76 लाख बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से लगभग एक लाख परिवारों को इस फेस्टिवल सीजन में भारी झटका लगा है। पावरकॉम की नई एजेंसी कि तरफ से सॉफ्टवेयर अपडेट तो कर लिया गया, लेकिन कर्मचारियों को समय पर पूरी ट्रेनिंग नहीं दी गई। इसके कारण लगभग 50 हजार उपभोक्ताओं को बिजली के बिल नहीं मिले, जबकि बाकी 50 हजार को गलत ‘एम कोड’ वाले बिल जारी कर दिए गए।
जानकारी के अनुसार, इन गलत बिलों की गणना पिछले महीने की रीडिंग के आधार पर की गई है, जिससे कई उपभोक्ताओं के बिल दो से चार गुना तक बढ़ गए हैं। पावरकॉम अधिकारियों का कहना है कि स्थिति अगले बिलिंग साइकिल तक सामान्य हो जाएगी, लेकिन फिलहाल उपभोक्ताओं को मौजूदा बिलों का भुगतान करना अनिवार्य है।
गलत बिल जारी होने के प्रमुख कारण:
मीटर रीडरों को नई प्रणाली की पर्याप्त ट्रेनिंग नहीं दी गई।
रिप्लिकेशन के चलते डेटा रीडिंग में गड़बड़ी हुई।
स्कैन फोटो अपलोड करने में तकनीकी दिक्कतें आईं।
नया सॉफ्टवेयर सही डेटा पॉइंट नहीं उठा पाया।
मीटर रीडिंग लेते समय फीडिंग सिस्टम में त्रुटियां रहीं।
बिल वापसी की कोई सुविधा नहीं
पावरकॉम के मीटर रीडरों को हर महीने 15 दिनों में एक लाख मीटर की रीडिंग पूरी करनी होती है। हालांकि, ऑटोमेटिक रीडिंग सिस्टम (OSOR) पर पर्याप्त प्रशिक्षण न मिलने से यह प्रक्रिया प्रभावित हुई।
पुरानी एजेंसी का कॉन्ट्रैक्ट जुलाई में समाप्त हो गया था, और नई एजेंसी को अगस्त से बिलिंग शुरू करनी थी। लेकिन तकनीकी कारणों से काम सितंबर में शुरू हुआ, जिससे कर्मचारियों को प्रशिक्षण का पर्याप्त समय नहीं मिला। परिणामस्वरूप, हजारों उपभोक्ताओं को गलत या अनुपलब्ध बिल मिले।
फिलहाल पावरकॉम के पास इन बिलों को वापस लेने या रद्द करने का कोई विकल्प नहीं है, इसलिए उपभोक्ताओं को भुगतान करना ही पड़ेगा। विभाग ने आश्वासन दिया है कि अगले बिलिंग चक्र से स्थिति सामान्य कर दी जाएगी।