ख़बरिस्तान नेटवर्क : हरियाणा के सीनियर आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार के सुसाइड मामले को 7 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक शव का पोस्टमॉर्टम नहीं हो पाया है। इस हाई-प्रोफाइल मामले में बड़ा सियासी मोड़ तब आया जब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। मुलाकात के बाद राहुल ने तीखे तेवर अपनाते हुए कहा कि हरियाणा सरकार यह तमाशा बंद करे।
3 दिन पहले का कमिटमेंट पूरा नहीं हो रहा
राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सीएम ने परिवार को व्यक्तिगत रूप से ‘फ्री एंड फेयर इन्क्वायरी’ और एक्शन शुरू करने का कमिटमेंट दिया था। सीएम ने 3 दिन पहले यह कमिटमेंट दी थी, लेकिन वह पूरा नहीं हो रहा है।
करोड़ों दलित भाई-बहनों को गलत मैसेज जा रहा
राहुल गांधी ने इस मामले को दलित समाज से जोड़ दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि दूसरे अफसरों द्वारा आईपीएस अधिकारी को ‘सिस्टमेटिक ढंग से’ डिमोरलाइज किया गया, ताकि उनका करियर और रेपुटेशन डैमेज हो सके। देश में करोड़ों दलित भाई-बहन हैं। उनको गलत मैसेज जा रहा है कि आप कितने भी सक्सेसफुल, इंटेलिजेंट या कैपेबल हों, अगर आप दलित हैं, तो आपको दबाया, कुचला और फेंका जा सकता है। यह हमें स्वीकार नहीं है।
मरने के बाद डिसरिस्पेक्ट कर रहे
राहुल ने पीएम मोदी और सीएम सैनी से तुरंत कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि परिवार एक सीधा मैसेज दे रहा है कि आप हमें रिस्पेक्ट दीजिए। बॉडी को डिसरिस्पेक्ट मत कीजिए। उनका करियर खत्म किया और मरने के बाद भी डिसरिस्पेक्ट कर रहे हैं। यह देश के हर दलित-भाई बहन का अपमान है।
गिरफ्तारी नहीं, तो पोस्टमॉर्टम नहीं
इधर आईपीएस अधिकारी की आईएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार अब भी अपनी मुख्य मांग पर अड़ी हैं। उनकी मांग है कि जब तक डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के पूर्व एसपी नरेंद्र बिजारणिया समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक पोस्टमॉर्टम की इजाजत नहीं दी जाएगी। सरकार ने बढ़ते दबाव के बीच पहले ही डीजीपी कपूर को छुट्टी पर भेज दिया है और ओम प्रकाश सिंह को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है, जबकि बिजारणिया को पद से हटा दिया गया है।