ख़बरिस्तान नेटवर्क : पंजाब के मिट्टी के लाल, वेजिटेरियन बॉडी बिल्डर और एक्टर वरिंदर सिंह घुम्मन का 43 साल मेंनिधन हो गया। अमृतसर के फोर्टिस अस्पताल में एक छोटे से ऑपरेशन के लिए गए वरिंदर को नियति ने छीन लिया, जब सर्जरी के दौरान उन्हें दो बार हार्ट अटैक आए और वह जिंदगी की जंग हार गए।
‘हीमैन’ जिसने बदली अपनी राह
6.2 फीट की शानदार हाइट और 140 किलोग्राम वजन वाले वरिंदर घुम्मन को प्यार से “द हीमैन ऑफ इंडिया” कहा जाता था।
शुरुआत : गुरदासपुर के तलवंडी में जन्मे और जालंधर में पले-बढ़े वरिंदर ने लायलपुर खालसा कॉलेज से हायर एजुकेशन प्राप्त की।
इंटरनेशनल पहचान: उनकी मेहनत रंग लाई और 2009 में उन्होंने मिस्टर इंडिया का खिताब जीता। अगले साल मिस्टर एशिया प्रतियोगिता में भी वह दूसरे स्थान पर रहे, इंटरनेशनल लेवल पर भारत का नाम रोशन किया।
फास्ट बॉलर बनना चाहते थे
वरिंदर घुम्मन शुरू से बॉडी बिल्डर नहीं बनना चाहते थे, बल्कि वह एक क्रिकेटर बनना चाहते थे। घुम्मन एक फास्ट बॉलर थे और बल्लेबाजों को अपनी गेंद से परेशान करते थे। लेकिन पिता चाहते थे कि वह पुलिस में भर्ती हों, इसलिए एथलेटिक्स में भेजा। मगर वरिंदर ने खुद अपनी राह चुनी और बॉडी बिल्डिंग की दुनिया में कदम रखा। पर धीरे-धीरे उनका शौंक बॉडी बिल्डिंग की तरफ बढ़ता गया और इसे ही उन्होंने अपना करियर बना लिया।
बॉडी बिल्डिंग से बॉलीवुड तक का सफर
शानदार फिजिक बनाने के बाद वरिंदर ने पंजाबी फिल्मों और बाद में हिंदी सिनेमा की ओर रुख किया। उन्होंने बाकायदा मुंबई जाकर डांस और एक्टिंग का कोर्स किया। उन्हें बॉलीवुड की बड़ी फिल्म ‘टाइगर-3’ में सुपरस्टार सलमान खान के साथ भी देखा गया था। एक्टिंग और बॉडी बिल्डिंग के अलावा, उन्होंने डेयरी फार्मिंग में भी हाथ आजमाया और कुछ नाटकों में हनुमान व भीमसेन का किरदार भी निभाया।
शौकों के धनी, परिवार के प्यारे पिता
वरिंदर सिर्फ बॉडी बिल्डिंग तक ही सीमित नहीं थे। वह महँगी कारों (फॉर्च्यूनर, रेंज रोवर आदि) और टैटू के भी शौकीन थे। उनके दाएं हाथ पर सांप और बाईं उंगली पर ओंकार का टैटू बना था, जिसे वह हर जीत के बाद दिखाते थे। सबसे खास बात यह थी कि इंटरनेशनल स्तर का बॉडी बिल्डर होने के बावजूद वह पक्के वेजिटेरियन थे।
सपना जो अधूरा रह गया: दीवाली पर नए घर में शिफ्टिंग
वरिंदर घुम्मन जालंधर में मिठापुर रोड पर अपने परिवार के लिए एक बड़ा और आलीशान घर बनवा रहे थे। उनके और उनके परिवार के सपने थे कि वे इसी दीवाली पर अपने नए आशियाने में शिफ्ट होंगे। मगर नस की एक छोटी सी समस्या के लिए अस्पताल में दाखिल हुए वरिंदर उसी दिन वापस घर आने वाले थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। अब वह घर इंतजार करता रह गया, जिसके आंगन में दीवाली की रोशनी होनी थी।
पंजाब ने एक और अपना सितारा खो दिया
वरिंदर अपने पीछे पत्नी, एक बेटी और दो बेटों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके पिता भूपेंद्र सिंह पंजाब पुलिस से एएसआई रिटायर्ड हैं। एक ऐसा सितारा जो अभी अपनी चमक बिखेरना शुरू ही कर रहा था, वह अचानक ओझल हो गया।