ख़बरिस्तान नेटवर्क : दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसियों ने अब एक नया और बड़ा खुलासा किया है। अब यह पता चला है कि इस भीषण धमाके की साज़िश सिर्फ दो नहीं, बल्कि चार गाड़ियों में रची गई थी। संदिग्ध हमलावर दो और पुरानी कारों का इस्तेमाल कर उनमें विस्फोटक लगाने की तैयारी में थे। साज़िशकर्ताओं का मुख्य मकसद धमाके के दायरे को बढ़ाना था, ताकि जान-माल का ज़्यादा से ज़्यादा नुकसान हो सके।
डायरियों से हुआ पर्दाफाश
जांच टीम को यह महत्वपूर्ण जानकारी मुख्य संदिग्धों डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल की तीन अलग-अलग डायरियों से मिली है। इन डायरियों में 8 से 12 नवंबर तक की तारीखें दर्ज हैं और लगभग 25 लोगों के नाम लिखे हैं। इनमें से ज़्यादातर लोग जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद के रहने वाले हैं।
ये डायरियां अल फलाह यूनिवर्सिटी के हॉस्टल से बरामद की गईं हैं। जिसमें डॉ. उमर के कमरे नंबर 4 से, डॉ. मुजम्मिल के कमरे नंबर 13 से और इसके अलावा, पुलिस ने मुजम्मिल के किराए वाले कमरे से भी एक और डायरी ज़ब्त की है।
DNA रिपोर्ट से हुई संदिग्ध की पहचान
जांच टीम ने यह भी आधिकारिक रूप से पुष्टि कर दी है कि ब्लास्ट के समय कार के अंदर मौजूद व्यक्ति डॉ. उमर ही था। पुलिस को घटनास्थल से उसके दांत, हड्डियों के टुकड़े, खून लगे कपड़े और पैर का एक हिस्सा मिला था, जो स्टेयरिंग और एक्सीलरेटर के बीच फंसा हुआ था। DNA जांच में इन अवशेषों का मिलान उमर की मां के DNA से हो गया है।
मृतकों की संख्या 13 हुई
10 नवंबर को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए इस आतंकवादी हमले में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। वीरवार सुबह इलाज के दौरान एक और घायल व्यक्ति ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। जांच एजेंसियां अब उन अन्य दो कारों और उनसे जुड़े सभी लोगों की सरगर्मी से तलाश कर रही हैं।