ख़बरिस्तान नेटवर्क : जालंधर के फिल्लौर थाना SHO भूषण कुमार के खिलाफ कार्रवाई में देरी को लेकर पंजाब राज्य बाल अधिकार सुरक्षा आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग के चेयरमैन कंवरदीप सिंह ने इस मामले में DSP सरवन सिंह बल के खिलाफ कार्रवाई को लेकर होम सेक्रेटरी को पत्र लिखा है।
कार्रवाई में देरी को लेकर उठे सवाल
बाल आयोग ने अपने पत्र में कहा कि SHO भूषण के खिलाफ जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज होना चाहिए था, उस पर कार्रवाई समय रहते नहीं की गई। आयोग ने निर्देश दिया कि देरी की जिम्मेदारी तय करते हुए संबंधित अधिकारियों पर भी मुकदमा दर्ज किया जाए।
चेयरमैन ने साफ कहा कि DSP को जवाब देने का मौका दिया गया था, लेकिन समय पर वे उपस्थित नहीं हुए, जिसके चलते यह कार्रवाई की सिफारिश की गई। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि हर व्यक्ति को अपना पक्ष रखने का अधिकार है और DSP चाहें तो आयोग के सामने अपनी सफाई दे सकते हैं।
आयोग के सामने रखूंगा अपना पक्ष
मामले पर DSP फिल्लौर सरवन सिंह बल ने कहा कि SHO भूषण पर लगे आरोपों पर कार्रवाई की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि वे अपना पक्ष बाल आयोग के चेयरमैन के सामने पेश करेंगे और जांच के बाद जो भी धाराएं बनती थीं, उन्हीं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बाल आयोग ने होम सेक्रेटरी को लिखा पत्र
बाल आयोग ने DSP सरवन सिंह बल के खिलाफ पॉक्सो एक्ट-2012 की धारा 21 और भारतीय न्याय संहिता की धारा 199 के तहत FIR दर्ज करने की अनुशंसा की है। यह आदेश SHO भूषण कुमार पर नाबालिग के साथ अश्लील हरकतें और एक महिला से वीडियो कॉल पर अभद्र बातचीत के मामले में कार्रवाई में ढिलाई बरतने को लेकर जारी किया गया।
आयोग ने कहा कि नाबालिगों से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार की देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और कोई भी पुलिस अधिकारी कानून से ऊपर नहीं है।