दुबई एयर शो में भारतीय वायुसेना का तेजस लड़ाकू विमान हादसे का शिकार हो गया, जिसमें हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के रहने वाले 34 साल के विंग कमांडर नमन स्याल शहीद हो गए। दुबई में सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उनका पार्थिव शरीर सोमवार तक कांगड़ा पहुंचने की उम्मीद है। अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव नगरोटा बगवां में होगा।
भारतीय वायुसेना ने अपने बयान में बताया कि अल मकतूम एयरपोर्ट पर तेजस एमके-1 प्रदर्शन उड़ान भर रहा था, तभी विमान अचानक नियंत्रण खो बैठा और जमीन से जा टकराया। टकराते ही तेज धमाका हुआ और घने काले धुएं का गुबार उठ गया। हादसे में पायलट नमन स्याल ने वीरगति प्राप्त की।
तेजस जेट का यह दूसरा बड़ा हादसा
क्रैश के कारणों की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं। तेजस जेट का यह दूसरा बड़ा हादसा है। इससे पहले 2024 में राजस्थान के पोकरण में युद्धाभ्यास के दौरान इंजन फेल होने से एक तेजस क्रैश हुआ था।
अंतिम दिन हुआ हादसा
नमन पिछले 16 साल से भारतीय वायुसेना में सेवाएं दे रहे थे और वर्तमान में कोयंबटूर में तैनात थे। वे पिछले 6 दिनों से दुबई एयर शो में हिस्सा ले रहे थे। शुक्रवार को शो का अंतिम दिन था, जब यह दुर्घटना हुई।
परिवार में पत्नी, बेटी और माता-पिता
कांगड़ा की पटियालकर पंचायत के निवासी नमन के पिता जगन्नाथ सेना में अधिकारी रहे हैं और बाद में स्कूल प्रिंसिपल के पद से रिटायर हुए। नमन की पत्नी अफसान भी भारतीय वायुसेना में पायलट हैं। उनकी एक बेटी है। हादसे के वक्त उनके माता-पिता हैदराबाद में थे।नमन ने हमीरपुर के सुजानपुर सैनिक स्कूल से पढ़ाई की और 2005 बैच के छात्र रहे। 12वीं के बाद उन्होंने ग्रेजुएशन के साथ एयरफोर्स में चयन की तैयारी की और देश की सेवा में जुट गए।
CM सुक्खू ने जताई संवेदना
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नमन स्याल की शहादत पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश ने एक साहसी, कर्तव्यनिष्ठ और वीर सपूत खो दिया है।
हादसे की तकनीकी वजह
रिपोर्ट्स के अनुसार, तेजस के पायलट नमन निगेटिव G-फोर्स टर्न से रिकवर नहीं कर पाए। विमान सीधा नीचे गिरता दिखाई दिया और ग्लाइडिंग का कोई संकेत नहीं था, जिससे साफ है कि रिकवरी फेल हो गई और विमान फ्री-फॉल में चला गया।



