ऑनलाइन कैब सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों के लिए जल्द ही कई बड़े बदलाव लागू होने जा रहे हैं। ओला, उबर और रैपिडो जैसे कैब एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म्स को अब अपने ऐप में यात्रियों की सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ाने से जुड़े नए फीचर्स जोड़ने होंगे। ये बदलाव मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस, 2025 में किए गए ताजा संशोधनों के तहत लाए गए हैं।
नई गाइडलाइंस के अनुसार, कैब कंपनियों को अपने मोबाइल ऐप में “सेम जेंडर ड्राइवर” का विकल्प देना अनिवार्य होगा। इसके तहत महिला यात्री, उपलब्धता होने पर, महिला ड्राइवर के साथ यात्रा चुन सकेंगी। हालांकि यह सुविधा पूरी तरह ड्राइवर की उपलब्धता पर निर्भर करेगी और महिला ड्राइवर न होने की स्थिति में सामान्य ड्राइवर ही अलॉट किया जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस नियम को लागू करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि देश में महिला कैब ड्राइवरों की संख्या 5% से भी कम है। ऐसे में खासकर रात के समय बुकिंग में इंतजार बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल कैब कंपनियों की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
यात्री अपनी इच्छा से टिप दे सकेंगे
नई गाइडलाइंस में टिपिंग सिस्टम को भी पूरी तरह पारदर्शी बना दिया गया है। अब यात्री यात्रा पूरी होने के बाद ही ड्राइवर को अपनी इच्छा से टिप दे सकेंगे। बुकिंग या यात्रा के दौरान टिप मांगने की अनुमति नहीं होगी। दी गई टिप की 100% राशि सीधे ड्राइवर को मिलेगी और कैब कंपनियां इसमें कोई कटौती नहीं कर सकेंगी।
किराए को लेकर सख्त नियम तय
इसके अलावा किराए को लेकर भी सख्त नियम तय किए गए हैं। कंपनियां बेस फेयर से 50% तक कम किराया चार्ज कर सकती हैं, जबकि पीक ऑवर्स में सर्ज प्राइसिंग बेस फेयर के दोगुने से अधिक नहीं होगी। यानी अगर सामान्य किराया 50 रुपये है, तो व्यस्त समय में भी 100 रुपये से ज्यादा नहीं लिया जा सकेगा।
डेड माइलेज’ चार्ज पर भी रोक
सरकार ने ‘डेड माइलेज’ चार्ज पर भी रोक लगा दी है। अब ड्राइवर के पिकअप पॉइंट तक आने की दूरी का चार्ज यात्रियों से नहीं लिया जाएगा। सिर्फ 3 किलोमीटर से कम दूरी के मामलों में ही सीमित शुल्क लगाया जा सकेगा।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन गाइडलाइंस का उल्लंघन करने वाली कैब कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और गंभीर मामलों में लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान भी रखा गया है।