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ਵਿਕਰੇਤਾ ਤੋਂ ਇਸ਼ਤਿਹਾਰ

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5:42 AM IST

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देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशन लगातार पांच दिन से अस्त-व्यस्त है। शनिवार को भी दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई एयरपोर्ट पर रातभर यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पिछले चार दिनों में 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं, जिससे करीब 3 लाख लोग सीधे प्रभावित हुए।

वीकेंड पर स्थिति और बिगड़ने के आसार हैं। इंडिगो की 25-30% ज्यादा फ्लाइट्स शनिवार और रविवार को रद्द या लेट हो सकती हैं। पिछले चार दिन में रोजाना औसतन 500 फ्लाइट लेट हुई हैं, जो वीकेंड पर बढ़कर 600 तक पहुंच सकती हैं।

एयरलाइन का कहना है कि ऑपरेशन पूरी तरह सामान्य होने में 15 दिसंबर तक का समय लगेगा। वहीं, सिविल एविएशन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि नए FDTL नॉर्म्स 1 नवंबर से लागू हैं, लेकिन किसी अन्य एयरलाइन को परेशानी नहीं हुई। इससे साफ है कि गलती इंडिगो की है और लापरवाही की जांच होगी।

कोलकाता एयरपोर्ट पर घंटों फंसे रहने की वजह से कई महिला यात्री रो पड़ीं। कई जगहों पर यात्रियों और स्टाफ के बीच बहसबाजी और धक्का-मुक्की भी हुई।

DGCA के नए नियम बने संकट की वजह

1 नवंबर से लागू हुए FDTL नियमों में पायलटों–क्रू को अधिक आराम देने का प्रावधान है, जिससे अचानक स्टाफ की कमी पैदा हो गई। अब DGCA ने इंडिगो को 10 फरवरी 2026 तक अस्थायी राहत दी है और वीकली रेस्ट से जुड़ी कठोर शर्तें वापस ले ली हैं।

लाइव अपडेट्स में सामने आए हालात

लखनऊ: सुबह 9 बजे तक इंडिगो की 7 फ्लाइट रद्द।

जयपुर: 6 उड़ानें कैंसिल।

स्पाइसजेट अगले 2–3 दिनों में 100 एक्स्ट्रा फ्लाइट्स चलाएगा।

रेलवे ने 37 प्रीमियम ट्रेनों में 116 अतिरिक्त कोच जोड़े, रोज 35,000 यात्रियों को मदद मिलेगी।

तिरुवनंतपुरम: 26 में से 6 उड़ानें रद्द।

अहमदाबाद: रात 12 से सुबह 6 बजे तक 19 फ्लाइट्स कैंसिल।

सरकार ने कंट्रोल रूम बनाया और रद्द उड़ानों का ऑटो-रिफंड जारी करने का निर्देश दिया।

विकराल स्थिति कई शहरों में

दिल्ली में 225 से अधिक फ्लाइट्स कैंसिल हुईं, एयरपोर्ट पर हजारों बैग फर्श पर पड़े दिखे। मुंबई, हैदराबाद, रायपुर, पुणे और बेंगलुरु में भी हालात खराब रहे। बच्चों, बुजुर्गों और बीमार यात्रियों को घंटों तक इंतजार करना पड़ा।

वित्तीय असर भी दिखा

इंडिगो की पेरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के शेयर चार दिनों में 7% से ज्यादा गिर गए। साथ ही इंडिगो ने मांगी माफी है । 10 से 15 दिसंबर तक हालात सामान्य होने का दावा किया है। CEO पीटर एल्बर्स ने कहा कि पूरा सिस्टम रिबूट हो रहा है और स्थिति सुधारने में समय लगेगा।

DGCA के मुताबिक इंडिगो में चल रही मौजूदा समस्या की जड़ क्रू की गंभीर कमी है, जो पिछले एक महीने से लगातार बढ़ रही है। नवंबर में अकेले इंडिगो की 1232 उड़ानें रद्द हुईं, जबकि मंगलवार को 1400 फ्लाइट्स देरी से चलीं।

देश की घरेलू उड़ानों पर इंडिगो का दबदबा

इंडिगो का नेटवर्क देश में सबसे बड़ा है।

434 एयरक्राफ्ट के साथ यह भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है।

रोजाना 2300 से अधिक फ्लाइट्स ऑपरेट करती है।

भारत की 60% घरेलू उड़ानें अकेले इंडिगो संचालित करती है।

इसी वजह से जब इसके ऑपरेशन में बाधा आती है, तो देशभर में हज़ारों लोग सीधे प्रभावित हो जाते हैं।

इंडिगो के पास कितना स्टाफ है

5456 पायलट

10,212 केबिन क्रू मेंबर

कुल 41,000+ स्थायी कर्मचारी

स्टाफ विशाल होने के बावजूद संकट इसलिए बढ़ा है क्योंकि नए नियमों ने उड़ानों के शेड्यूल को सख्त रूप से सीमित कर दिया है।

क्रू की कमी की असली वजह क्या है?

इंडिगो का कहना है कि DGCA के नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों ने उनकी ऑपरेशनल क्षमता कम कर दी है। इन बदलावों के कारण
पायलटों की दैनिक उड़ान सीमा 8 घंटे कर दी गई। नाइट लैंडिंग की अनुमति 6 से घटाकर 2 कर दी गई। क्रू को हर 24 घंटे में कम से कम 10 घंटे आराम अनिवार्य किया गया है।

इन नियमों से पायलट और क्रू की उपलब्धता अचानक कम हो गई, जिसके बाद इंडिगो का विशाल नेटवर्क प्रभावित हुआ और उड़ानें बड़े पैमाने पर रद्द होने लगीं।

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