दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुई कार ब्लास्ट की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों ने फरीदाबाद से गिरफ्तार आतंकी मॉड्यूल की सदस्य डॉ. शाहीन शाहिद से पूछताछ में चौंकाने वाले तथ्य सामने लाए हैं। शाहीन ने कबूल किया है कि वह अपने साथी आतंकी डॉक्टरों के साथ मिलकर देशभर में हमलों की साजिश रच रही थी। उसने बताया कि पिछले दो सालों से वह विस्फोटक सामग्री इकट्ठा कर रही थी, और यह पूरा मॉड्यूल हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से ऑपरेट हो रहा था।
जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से लिंक
पूछताछ में सामने आया है कि शाहीन और उसके साथी वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल के हिस्सा थे, जिनके संबंध जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद जैसे आतंकी संगठनों से हैं। ये लोग डॉक्टर, प्रोफेसर और टेक्निकल प्रोफेशनल्स के रूप में काम कर रहे थे ताकि आसानी से अपने नेटवर्क को छिपा सकें।
मेवात से मौलवी की गिरफ्तारी, भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बुधवार को इस मॉड्यूल से जुड़े हरियाणा के मेवात से इश्तियाक नाम के मौलवी को गिरफ्तार किया। उसे श्रीनगर ले जाया गया है। पुलिस के मुताबिक, वह अल फलाह यूनिवर्सिटी के पास एक किराए के मकान में रहता था। उसके ठिकाने से 2,500 किलो से ज्यादा अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम क्लोरेट और सल्फर बरामद किया गया है।
कश्मीर से एक और डॉक्टर गिरफ्तार
मंगलवार रात श्रीनगर के SMHS अस्पताल में काम करने वाले डॉ. तजामुल को भी गिरफ्तार किया गया है। वह इस आतंकी नेटवर्क से जुड़ा बताया जा रहा है। अब तक इस केस में कुल 12 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें से चार डॉक्टर हैं।
धमाका ‘सुसाइड कार बॉम्बिंग’ नहीं था
जांच के अनुसार, यह हमला किसी सुसाइड कार बॉम्बिंग जैसा नहीं था। कार ने न किसी टारगेट को टक्कर मारी और न किसी बिल्डिंग से टकराई। ब्लास्ट में मारे गए उमर की पहचान के लिए पुलिस ने उसकी मां का DNA सैंपल लिया है, ताकि अवशेषों से मेल कराया जा सके।
कैसे हुआ था धमाका
10 नवंबर की शाम करीब 6:52 बजे, लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास खड़ी सफेद i20 कार में जबरदस्त विस्फोट हुआ था। इस हादसे में 12 लोगों की मौत और 20 से ज्यादा घायल हुए थे। सूत्रों का कहना है कि कार में वही विस्फोटक इस्तेमाल किया गया था जो फरीदाबाद से जब्त किए गए थे।
जांच एनआईए के हवाले
गृह मंत्रालय ने घटना के 20 घंटे बाद जांच एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को सौंप दी है। एनआईए की टीम अब इस पूरे मॉड्यूल, फंडिंग चैन और विदेशी कनेक्शन की तहकीकात कर रही है।संदेह इस बात का है कि यह मॉड्यूल भारत के कई बड़े शहरों में सिलसिलेवार धमाकों की योजना पर काम कर रहा था ।