राजस्थान हाईकोर्ट (जोधपुर) ने नाबालिग से रेप के दोषी संत आसाराम को मेडिकल आधार पर 6 महीने की जमानत दी है। कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस संगीता शर्मा की डिवीजन बेंच ने मंगलवार को आसाराम की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया।
यह पहली बार है जब राजस्थान हाईकोर्ट से आसाराम को जमानत मिली है। इससे पहले, अंतरिम जमानत की अवधि पूरी होने के बाद उसने 30 अगस्त को जेल में आत्मसमर्पण किया था।
आसाराम को रेप मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी
आसाराम को अप्रैल 2018 में नाबालिग से रेप के मामले में जोधपुर कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वह तब से जेल में सजा काट रहा है। करीब 12 साल कैद में रहने के बाद 7 जनवरी 2025 को उसे पहली बार मेडिकल कारणों से अंतरिम जमानत दी गई थी।
6 महीने की मेडिकल जमानत मंजूर
29 अक्टूबर 2025 को राजस्थान हाईकोर्ट में उसकी सजा स्थगन और मेडिकल आधार पर नियमित जमानत की याचिका पर सुनवाई हुई। आसाराम की ओर से दिल्ली से आए सीनियर एडवोकेट देवदत्त कामत ने पैरवी की, जबकि राजस्थान सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक चौधरी ने पक्ष रखा। वहीं, पीड़िता की ओर से एडवोकेट पीसी सोलंकी पेश हुए।सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आसाराम को 6 महीने की मेडिकल जमानत मंजूर की है।