ख़बरिस्तान नेटवर्क : जालंधर का पटेल अस्पताल ईलाज में लापरवाही बरतने के मामले में चर्चा में आ गया। जिस कारण अब अस्पताल को पीड़ित परिवार को मुआवजा देना पड़ेगा।
दरअसल पीड़ित परिवार ने कंज्यूमर फोरम मे अस्पताल के खिलाफ ईलाज के दौरान लापरवाही बरतने की याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद पटेल अस्पताल को शिकायतकर्ता को साढ़े 7 लाख रुपए मुआवजा देने के आदेश जारी हुए हैं। यह फैसला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष हिमांशु मिश्रा व सदस्य आरती सूद की खंडपीठ ने सुनाया है।
2022 में ईलाज के लिए गए पटेल अस्पताल
शिकायतकर्ता के अधिवक्ता विनय सोनी ने बताया कि नितिका कौशल को जुलाई 2022 में पेट में दर्द शुरू हुआ तो उसने निजी अस्पताल (पटेल अस्पताल जालंधर) से उपचार करवाना शुरू किया। डॉक्टरों ने ईलाज के दौरान गुर्दे में पत्थरी बताई और नई विधि से ऑपरेशन किया।
करीब डेढ़ माह तक अस्पताल में भर्ती रही मगर इस उसका क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ गया और हालत धीरे-धीरे खराब हो गई। उसे ब्लड प्यूरिफिरेशन करवाना पड़ा और उसके बाद ही उसे लगातार यह करवाना पड़ रहा है।
प्रतिबंधित दवाई देते रहे अस्पताल वाले
शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने उपभोक्ता फोरम में दलील दी कि अस्पताल के चिकित्सक रोगी को प्रतिबंधित दवा दर्द के समय देते रहे और उससे उसका क्रिएटिनिन स्तर बढ़ा। उपभोक्ता फोरम ने इसे इलाज में कोताही माना और अस्पताल को मुआवजा देने का आदेश दिया है।
फोरम में सुनवाई के दौरान विशेषज्ञ चिकित्सक से भी शिकायत के सही निपटारे के लिए राय ली गई। विशेषज्ञ ने भी प्रतिबंधित दवा के कारण रोगी की हालत खराब होना माना है। इस पर उपभोक्ता फोरम ने यह फैसला सुनाया है। इसी के साथ ही अस्पताल को शिकायतकर्ता नितिका कौशल पत्नी गौरव निवासी लदौड़ी नूरपुर को 20 हजार रुपये का न्यायालय शुल्क भी देना होगा।