पंजाब के पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है, जहा मजीठिया को एक बार फिर हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। कोर्ट ने मजीठिया को अग्रिम ज़मानत देने से इनकार कर दिया है।
ज़मानत याचिका खारिज
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मजीठिया की अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज कर दी है। बिक्रम सिंह मजीठिया ने ज़मीन के रिकॉर्ड गायब होने के मामले में अग्रिम ज़मानत के लिए अर्ज़ी दी थी।
मजीठिया नाभा जेल में बंद हैं
गौरतलब है कि बिक्रम सिंह मजीठिया को कुछ महीने पहले विजिलेंस ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में गिरफ्तार किया था। इन दिनों वह न्यायिक हिरासत में हैं और नाभा जेल में बंद हैं। मजीठिया के वकील ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में उनकी अंतरिम ज़मानत के लिए अर्ज़ी दी थी, जिस पर आज हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया।
कल भी हुई थी बहस
आपको यह भी बता दें कि इस मामले को लेकर कल भी अदालत में सुनवाई हुई थी, जिस दौरान वकीलों के बीच काफी देर तक तीखी बहस होती रही, लेकिन अदालत ने कोई फैसला नहीं लिया और आज यानी 7 नवंबर के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया, यानी आज ही अदालत ने ज़मानत याचिका खारिज कर दी।
गिरफ्तारी से अब तक का पूरा घटनाक्रम
25 जून को गिरफ्तारी: विजिलेंस ने मजीठिया को अमृतसर स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था। इसके बाद हिमाचल, दिल्ली और यूपी समेत 25 ठिकानों पर छापेमारी कर उनकी संपत्तियों की जांच की गई।
6 जुलाई से जेल में: प्रारंभिक रिमांड के बाद से मजीठिया 6 जुलाई से जेल में बंद हैं। उन्होंने रक्षा बंधन, दशहरा, दीवाली और गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व जेल में ही मनाया।
केस को मजबूत बनाने की तैयारी
विजिलेंस ब्यूरो ने केस को अदालत में कमजोर न पड़ने देने के लिए 22 अगस्त को विस्तृत चार्जशीट दाखिल की।
इसमें 40,000 से अधिक पन्नों के दस्तावेजी सबूत, 200 से ज्यादा गवाहों के बयान शामिल हैं।